बढ़ती महंगाई का बुखार: आम आदमी की जेब ढीली?
बढ़ती महंगाई: अर्थव्यवस्था से जुड़ी खबर महंगाई दोस्तों भारत में अर्थव्यवस्था से जुड़ी सबसे पहले सामने आती है मेह्गाई मेह्गाई पर कोई न्यूज़ चैनल ज्यादा बाते नहीं करते है आज हम आपको महगाई से जुड़ी एक खबर बताएँगे जो की है। कच्चे तेल की कीमतों में वृद्धि, अंतरराष्ट्रीय (इंटरनेशनल) बाजार में खाद्य पदार्थों की कीमतों में वृद्धि, और भारतीय रुपये के कीमत में गिरावट के कारण भारत में महंगाई दर बढ़ रही है।
Inflation, Economic शब्द?
Inflation, Economic शब्द है जिसका अर्थ है कि वस्तुओं और सेवाओं की कीमतें बढ़ रही हैं। जब मुद्रास्फीति होती है, तो आपके पैसे का मूल्य कम हो जाता है, क्योंकि आप उसी राशि के लिए कम खरीद सकते हैं। Global मांग का मतलब है कि दुनिया भर में लोग और Business अधिक सामान और Services खरीद रहे हैं। जब Global मांग बढ़ती है, तो यह कीमतों को बढ़ावा दे सकता है।
जब दुनिया भर में लोग और व्यवसाय अधिक सामान और सेवाएं खरीदते हैं, तो यह मांग बढ़ जाती है। मांग बढ़ने से कीमतें बढ़ जाती हैं। ये दोनों एक दूसरे से जुड़े हुए हैं। जब वैश्विक मांग बढ़ती है, तो मुद्रास्फीति बढ़ने की संभावना बढ़ जाती है।
कच्चे तेल की कीमतों में ज़्यादा होना?
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कच्चे तेल की कीमतों में वृद्धि का वैश्विक अर्थव्यवस्था पर एक महत्वपूर्ण प्रभाव पड़ रहा है। यह ईंधन, खाद्य पदार्थों और अन्य वस्तुओं की कीमतों में वृद्धि का कारण बन रहा है, जिससे महंगाई बढ़ रही है। भारत जैसे आयातित ऊर्जा वाले देशों में, कच्चे तेल की कीमतों में वृद्धि का विशेष रूप से महत्वपूर्ण प्रभाव पड़ रहा है। यह भारत की आयात बिल में वृद्धि का कारण बन रहा है, जिससे विदेशी मुद्रा भंडार पर दबाव बढ़ रहा है।
भारतीय रुपये के कीमत में गिरावट के कारण?
भारतीय रुपये के कीमत में गिरावट के कारण भारतीय रुपये की कीमत में गिरावट के कई कारण हैं दोस्तों जैसे की आपको पता ही होगा की भारत एक आयातित ऊर्जा वाला देश है, इसलिए कच्चे तेल की बढ़ती कीमतें भारतीय रुपये पर दबाव डालती हैं। और अमेरिकी फेडरल रिजर्व द्वारा ब्याज दरों में वृद्धि से विदेशी निवेशकों का पलायन हुआ है, जिससे भारतीय रुपये पर दबाव पड़ा है। इन कारणों से, भारतीय रुपये की कीमत में अमेरिकी डॉलर के मुकाबले 10% से अधिक गिर गया है। रुपये के मूल्य में गिरावट का भारत की अर्थव्यवस्था पर महत्वपूर्ण प्रभाव पड़ रहा है।
अभी 2024 में मेह्गाई का क्या हाल है?
साल 2024 में भारत में महंगाई की दर काफी बढ़ी हुई है। थोक मूल्य सूचकांक (WPI) आधारित महंगाई दर जनवरी 2024 में 12.54% थी, जो 1991 के बाद से सबसे अधिक है। खुदरा मूल्य सूचकांक (CPI) आधारित महंगाई दर भी 7.55% थी, जो 8 साल में सबसे अधिक है। आपने ऊपर के पैराग्राफ में जाना है और आयात शुल्क में भी वृद्धि हुई है। ब्याज दरों में वृद्धि हुई है। सरकार महंगाई को नियंत्रित करने के लिए कोई न कोई उपाय करना चाहिये. जिससे आम जनता गरीब किसान को राहत मिल सके.
भारत महंगाई में कितने नंबर पर है?
बढ़ती कीमत यह इस बात पर निर्भर करता है कि आप किस प्रकार की महंगाई की बात कर रहे हैं। यदि आप वार्षिक आधार पर महंगाई की बात कर रहे हैं, तो भारत 2023 के अंत तक 10वें स्थान पर था। उस समय, भारत में वार्षिक आधार पर महंगाई दर 7.4% थी। यदि आप मंथली आधार पर महंगाई की बात कर रहे हैं, तो भारत 2023 के अंत तक तीसरे स्थान पर था। उस समय, भारत में मंथली आधार पर महंगाई दर 5.6% थी। वर्तमान में, भारत में वार्षिक आधार पर महंगाई दर 4.2% है, जो 2023 के अंत से कम है। हालांकि, यह अभी भी आरबीआई के लक्ष्य 2-6% से ऊपर है।
निष्कर्ष
बढ़ती महंगाई का बुखार से संबंधित जानकारी अलग अलग News वेबसाइट से इकठ्ठा किया गया है और आपको हर एक पॉइंट पर सही जानकारी दी है। आपको अगर जानकारी समझ आई हो तो कृपया हमें कमेंट करे और हमें बताये और ऐसी ही न्यूज़ की जानकारी के लिये हमारे इस ABP खबर ब्लॉग पर विजिट करे। मिलते है आपसे आपके काम की एक नई न्यूज़ खबर के साथ धन्यवाद!
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