नई दिल्ली :- केंद्रीय माध्यमिक शिक्षा बोर्ड 10वीं 12वीं का Result अगले महीने मई में आने की संभावना है. CBSE के लगभग 38 लाख छात्र बेताबी से अपने रिजल्ट का इंतजार कर रहे हैं. पिछले वर्ष CBSE बोर्ड ने बदलाव करने की घोषणा की थी.
CBSE की घोषणा
सीबीएसई ने बताया था कि वर्ष 2024 से कक्षा दसवीं तथा 12वीं की बोर्ड परीक्षा में भाग लेने वाले छात्रों का ओवरऑल डिवीजन, डिस्टिंक्शन या एग्रीगेट मार्क्स नहीं बताएंगे. इसके साथ ही सीबीएसई 10वीं 12वीं बोर्ड परीक्षा में टॉप करने वाले छात्रों के नाम का खुलासा भी नहीं करेगा और ना ही छात्रों की परसेंटेज जारी की जाएगी.
सीबीएसई रिजल्ट में बड़ा बदलाव
पिछले वर्ष दिसंबर में ही सीबीएसई बोर्ड ने घोषणा कर दी थी कि अब वह छात्रों को बोर्ड परीक्षा में मिले कुल अंकों के आधार पर फर्स्ट सेकंड तथा थर्ड डिवीजन में नहीं बटेगा. बोर्ड ने कहा था कि 90% से अधिक अंक प्राप्त करने वाले छात्रों को दी जाने वाली डिस्टिंक्शन केटेगरी को भी अब बंद कर दिया जाएगा. अब किसी भी छात्र के लिए अंकों के ओवरऑल प्रतिशत की गणना नहीं की जाएगी. यदि किसी उच्च शिक्षा या नौकरी के लिए 10वीं या 12वीं दोनों कक्षाओं के अंकों का प्रतिशत जरूरी है तो उसका कैलकुलेशन एडमिशन देने वाले संस्थान द्वारा प्रवेश संस्था या एंपलॉयर द्वारा किया जाएगा.
CBSE एक्जाम कंट्रोलर का बयान
सीबीएसई बोर्ड के परीक्षा नियंत्रक सानिया भारद्वाज ने बताया कि कुल मिलाकर कोई श्रेणी, विशेष योग्यता या कुल प्राप्तांक छात्रों को अब नहीं दिए जाएंगे. यदि किसी छात्र ने 5 से अधिक विषयों में परीक्षा दी है तो उसे प्रवेश देने वाले संस्थान ही उसके लिए सर्वश्रेष्ठ पांच विषयों पर विचार करने का फैसला कर सकती हैं.
छात्रों की भलाई में उठाया कदम
जानकारी के लिए आपको बता दे कि इससे पहले भी सीबीएसई छात्रों की मेरिट लिस्ट जारी नहीं करता था. सीबीएसई का कहना है कि ऐसा करने का उद्देश्य छात्रों के मन से रिजल्ट के डर को कम करना तथा छात्रों के बीच स्वस्थ प्रतिस्पर्धा बनाए रखने के लिए किया गया है. बोर्ड परीक्षा में नंबरों के चलते स्टूडेंट में एक दूसरे के प्रति द्वेष भाव होते थे. अतः इन सब बुराइयों से दूर रखने के लिए छात्रों की भलाई में यह कदम उठाया गया है.