नई दिल्ली :- भारत एक कृषि प्रधान देश है। भारत में लाखों लोग खेती करके अपना गुजारा करते हैं। किसानों को फसलों में बंपर उत्पादन मिले इसके लिए कृषि विद्यालय एवं अनुसंधान संस्थान नए प्रमाणित बीज उपलब्ध करवाने में लगी है। अब भारत में किसान अरबी फसलों की तैयारी में जुट गए हैं। इस बार किसानों को सरसों के उत्पादन में फायदा हो इसके लिए भारतीय कृषि विज्ञान परिषद ने सरसों की नई एवं उन्नत किस्म को तैयार किया है ।इससे किसानों को काफी फायदा होगा । इतना ही नहीं सरसों की यह नई किस्म चार रोगों से लड़ने में भी सक्षम होगी।
भारत कृषि अनुसंधान संस्थान ने जारी की सरसों की नई किस्म
किसानों को खेती में ज्यादा पैदावार मिल सके इसीलिए भारतीय कृषि अनुसंधान संस्थान नई-नई किस्म की खोज में लगी रहती है। इस संस्थान ने सरसों की नई किस्म पूसा डबल जीरो को किसानों के लिए विकसित किया है और किसानों को इस बार इस किस्म की बुवाई करने को कहा गया है ।उत्तर प्रदेश, मध्य प्रदेश, राजस्थान और उत्तराखंड के किसानों को इस बार इस नई किस्म को इस्तेमाल करने के आदेश दिए गए हैं ।
नई किस्म से जल्दी तैयार होगी सरसों की फसल
इस संस्थान का मानना है कि अगर किसान इस किस्म का इस्तेमाल करते हैं तो इस बार सरसों की फसल केवल 132 दिन में तैयार हो जाएगी और यह फसल कई रोगों को पनपने से रोकेगी। इसकी बुवाई से प्रति हेक्टेयर में 21.48 क्विंटल से अधिक की उपज प्राप्त होगी। भारतीय कृषि अनुसंधान संस्थान का मानना है कि सरसों की इस नई किस्म से लोगों को चार रोगों से राहत मिलेगी। इसमें सफेद रतवा यानी व्हाइट रस्ट अल्टरनरिया ब्लाइट यानी फफूंदी रोग जैसे रोग शामिल हैं।