नई दिल्ली :- भारत एक कृषि प्रधान देश है ।यहां के करोड़ों लोग खेती करके अपना गुजारा करते हैं। आप सबको पता ही होगा कि फसल की गुणवत्ता और उत्पादन को बढ़ाने के लिए DAP खाद का उपयोग करते हैं। यह खाद फास्फोरस और नाइट्रोजन से भरपूर होती है, लेकिन भारत की कुछ जगह ऐसी हैं जहां पर नकली खाद बेची जाती है ।ऐसे में किसानों को असली और नकली DAP खाद की जानकारी होना जरूरी है। आज हम आपको नकली और असली खाद की पहचान के बारे में जानकारी देने वाले हैं। आईए जानते हैं कैसे पता कर सकते हैं असली और नकली खाद।
कैसे करें असली खाद की पहचान
कृषि विभाग का कहना है कि किसानों को नकली खाद से बचने के लिए अपने नजदीकी सहकारी समिति से डीएपी खाद्य प्राप्त करनी चाहिए। यहां पर किसानों को असली डीएपी खाद दी जाती है। डीएपी की असली खाद का कलर भूरा होता है। इस खाद के अंदर अगर कुछ दिन के लिए चूना मिलाकर रखा जाए तो इसकी गंध बहुत तेज हो जाती है, जिसे सूंघना मुश्किल हो जाता है। असली खाद बहुत ठोस होती है। इसे नाखून से तोड़ना मुश्किल है। डीएपी खाद की पहचान करने के लिए आप खाद के दानों को गर्म कर सकते हैं। असली डीएसपी के दाने गर्म होने के साथ फूलने लगते हैं। आप भी इन बातों का ध्यान रखकर असली खाद की पहचान कर सकते हैं ।
कुछ विक्रेता बेच रहे हैं नकली खाद
भारत में बहुत से ऐसे निजी विक्रेता है जो असली खाद के नाम पर नकली खाद बेच रहे हैं। जिससे किसानों की फसल को नुकसान होता है ।कई फसलों में दुष्परिणामों के रूप में फसल खराब होने का खतरा भी रहता है। इसीलिए किसानों को हमेशा खाद की पहचान करके ही उसे खरीदना चाहिए।