नई दिल्ली :- देश में साइबर फ्रॉड के मामले तेजी से बढ़ रहे हैं. साइबर ठग आए दिन लोगों को ठगने के नए नए तरीके अपना रहे हैं. इन ठगी को रोकने के लिए सरकार भी एक्शन मोड में है और लगातार इससे निजात पाने की कोशिश कर रही है. भारतीय दूरसंचार नियामक प्राधिकरण यानी TRAI द्वारा टेलीकॉम ऑपरेटरों को निर्देश दिए थे कि यूजर्स के डेटा को सुरक्षित रखने के लिए सावधानी बरतें. इसके लिए नियमों में बदलाव के लिए 1 सितंबर तक का समय दिया गया था. लेकिन लेटेस्ट रिपोर्ट्स के मुताबिक, TRAI ने अंतिम तारीख को आगे बढ़ाने का फैसला लिया है. टाइम्स ऑफ इंडिया की एक रिपोर्ट के मुताबिक, TRAI ने एक महीने के लिए तारीख को आगे बढ़ा दिया है, जो अब 1 दिसंबर होगी. अब टेलीकॉम कंपनियों को कमर्शियल मैसेज के लिए न्यू ट्रैसेबिलिटी नियम को लागू करने के लिए एक महीने का समय दिया गया है.
स्कैमर्स से बचना हो सकेगा आसान
सरकार के इस फैसले से रिलायंस जियो, वोडाफोन आइडिया, एयरटेल और बीएसएनएल के ग्राहकों के लिए स्कैमर्स से बचना आसान हो जाएगा और उनकी टेंशन कम हो सकेगी. सिम कार्ड से जुड़े नियम (1 सितंबर) से लागू हो सकते हैं. आइए, इसके बारे में डिटेल में जानते हैं. सरकार की ओर से फेक कॉल्स और मैसेज पर रोक लगाने के लिए नियमों में बदलाव किया गया है.. TRAI के अनुसार टेलीकॉम ऑपरेटर्स को फेक कॉल्स पर लगाम लगाने के लिए निर्देश दिए गए हैं. फेक कॉल्स और मैसेज के जरिए स्कैमर्स लोगों के साथ ठगी कर उनका बैंक खाता खाली कर रहे हैं.
जानें क्या हैं नए नियम
नए नियम के अनुसार फोन पर आने वाली कॉल्स और मैसेज की पहले ही टेलीकॉम ऑपरेटर्स द्वारा जांच की जाएगी. इन नंबर्स के कुछ कीवर्ड्स की पहचान करके उन मैसेज और कॉल्स को तुरंत ब्लॉक कर दिया जाएगा. इसके अलावा सिम कार्ड यूजर्स अगर शिकायत कर देंगे, तब भी उन मैसेज और कॉल नंबर्स को ब्लॉक कर दिया जाएगा. उम्मीद है कि जल्द ही ये मॉडल तैयार हो जाएगा जिससे ठगी को रोकने में मदद मिल सकेगी.