नई दिल्ली :- भारत में कई राज्यों में गन्ने की खेती की जाती है। गन्ने का उपयोग मुख्य रूप से चीनी निर्माण में किया जाता है। इसके अलावा गन्ने से गुड़, जूस आदि बनाया जाता है। आजकल गन्ने की पराली का उपयोग एथनॉल बनाने में किया जा रहा है जिससे गन्ने की मांग बढ़ी है। इस समय कई राज्यों में किसानों से गन्ना खरीदी का काम चल रहा है। इसी क्रम में हरियाणा में गन्ने का पेराई सत्र 2024-25 शुरू हो गया है। पराई सत्र के शुभारंभ के अवसर पर सहकारिता मंत्री ने गन्ना मिलों को निर्देश दिए हैं कि वे गन्ना खरीदी का भुगतान किसानों को एक सप्ताह में करने का प्रयास करें जिससे किसानों को कोई परेशानी नहीं हो। अभी तक गन्ना भुगतान के लिए तय किए गए नियम के तहत किसानों को चीनी मिलों द्वारा 14 दिन के अंदर भुगतान करना तय किया हुआ है।
किसानों को भुगतान के लिए चीनी मिलों को क्या दिए गए निर्देश
हरियाणा के सहकारिता मंत्री डॉ. अरविंद शर्मा ने अधिकारियों को निर्देश दिए कि गन्ने की खरीदी के बाद जो भुगतान का समय निर्धारित किया गया है, उसे घटाकर एक सप्ताह करने का प्रयास करें ताकि किसानों को आर्थिक तौर पर जल्द फायदा मिल सके। उन्होंने इस क्षेत्र के पुराने गन्ना किसानों को मिल से जोड़ने के भी निर्देश दिए। उन्होंने कहा कि गोहाना व बरोदा में पानी की कमी को दूर करने के लिए उनके द्वारा लगातार प्रयास किए जा रहे हैं ताकि यहां पर किसानों को उचित मात्रा में पानी मिल सके व उनकी फसलों की पैदावार अच्छी हो सके।
गन्ना किसानों की आय बढ़ाने के लिए क्या किए जा रहे हैं प्रयास
सहकारिता मंत्री ने चौधरी देवीलाल सहकारी चीनी मिल, गोहाना, जिला सोनीपत में पेराई सत्र 2024-25 का शुभारंभ किया। इस अवसर पर उन्होंने कहा कि गन्ना उत्पादक किसानों को आत्मनिर्भर बनाने की दिशा में सरकार मजबूत कदम उठा रही है। इसके लिए चीनी मिलों का सुचारू रूप से संचालन बेहद आवश्यक है जिसके लिए नए प्रयोग और प्रयास किए जा रहे हैं। गन्ना उत्पादकों की आय बढ़ाने के लिए हरियाणा की सभी चीनी मिलों में एथनॉल प्लांट (Ethanol Plant) स्थापित किए जा रहे हैं, जिसकी शुरुआत की जा चुकी है।
राज्य के किसानों से किस रेट पर खरीदा जाएगा गन्ना
हरियाणा सरकार की ओर से पेराई सत्र 2024-25 के लिए गन्ने की खरीदी का रेट 400 रुपए प्रति क्विंटल घोषित किया हुआ है। इससे पहले राज्य में किसानों से 372 रुपए प्रति क्विंटल निर्धारित किया हुआ था लेकिन किसानों के आंदोलन करने के बाद गन्ने का रेट 386 रुपए प्रति क्विंटल कर दिया गया था। इस पेराई सत्र में राज्य के किसानों को पिछले गन्ना पेराई सत्र की तुलना में इस पेराई सत्र में गन्ना बेचने पर करीब 28 रुपए प्रति क्विंटल तक फायदा होगा।
हरियाणा में इस बार कितना हुआ गन्ने का उत्पादन
हरियाणा में पिछले साल 3.50 लाख एकड़ में गन्ना का उत्पादन हुआ था, लेकिन इस साल 2.96 लाख एकड़ में गन्ने की खेती की गई है, जो पिछले साल से करीब 15 प्रतिशत कम है। यहां कई किसानों ने गन्ने में बीमारियों का प्रकोप अधिक होने के कारण इसकी खेती कम कर दी है या फिर बंद कर दी है जिससे गन्ने का उत्पादन प्रभावित हुआ है। इसका प्रभाव यहां की चीनी मिलों के उत्पादन भी पड़ रहा है। बता दें कि हरियाणा में 14 चीनी मिलें हैं। इनमें से 11 शुगर मिलें सहकारी क्षेत्र की है जबकि तीन निजी क्षेत्र की चीनी मिलें हैं।