नई दिल्ली :- किसानों के लिए ट्रैक्टर (Tractor) बहुत ही महत्वपूर्ण कृषि मशीन है। इससे खेती-किसानी के लगभग सभी काम आसानी से पूरे किए जा सकते हैं। इसके इस्तेमाल से श्रम व समय की बचत के साथ ही फसल की लागत को कम करने में भी सहायता मिलती है। अब किसान नए ट्रैक्टर के साथ ही पुराने ट्रैक्टर भी लोन पर खरीदने में दिलचस्पी दिखा रहे हैं।
किस्त चुकाने के लिए घबराने की जरूरत नहीं
लोन की सुविधा से किसानों को आसानी से कृषि मशीन उपलब्ध हो जाती है। लेकिन इसके बाद किसानों को ट्रैक्टर की किश्तें चुकाने की चिंता रहती है, क्योंकि उनकी आय निश्चित नहीं होती है। कभी मौसम से खेती खराब हो जाती है तो कभी फसल पर कीट व रोगों का प्रकोप सहित ऐसी कई बातें हैं जो उनकी आय की अनिश्चितता का कारण बनती है। ऐसे में किसानों को ट्रैक्टर लोन की किस्त चुकाने के लिए घबराने की जरूरत नहीं है। कई ऐसे तरीके हैं जिनसे आप अपनी लोन की किस्त आराम से चुका सकते हैं। आज हम ट्रैक्टर जंक्शन के माध्यम से आपको इनमें से 5 ऐसे तरीके बता रहे हैं जो आपके ट्रैक्टर लोन की किस्त को चुकाना आसान कर सकते हैं, साथ ही ब्याज में भी बचत कर सकते हैं, तो आइए जानते हैं इनके बारे में।
ट्रैक्टर लोन की बड़ी किश्त बनवाएं
आपको ट्रैक्टर लोन लेते समय उसकी बड़ी किस्तें बनानी चाहिए। बड़ी किस्त बनवाने का सबसे बड़ा लाभ यह है कि ट्रैक्टर के लोन की अवधि कम हो जाती है। इससे आप कम समय में आसानी से लोन चुका सकते हैं, साथ ही ब्याज चुकाने की अवधि भी कम हो जाती है, इससे आपको कम ब्याज चुकाना पड़ता है जिससे आपके पैसों की बचत होती है। वहीं यदि आप लोन की छोटी किश्तें बनवाते हैं तो आपके लोन चुकाने की अवधि बढ़ जाती है। इससे आपको अधिक समय तक लोन पर ब्याज चुकाना पड़ता है जिससे आपको अधिक पैसा ब्याज के रूप में देना पड़ता है।
अधिक डाउन पेमेंट करें
यदि आप बड़ी किश्तें बनवाने में अपने को असमर्थ महसूस करते हैं तो आप ट्रैक्टर खरीदते समय अधिक से अधिक डाउन पेमेंट करने की कोशिश करें। इससे आपका लोन कम हो जाएगा जिससे आपके ट्रैक्टर लोन की किस्तें कम हो जाएगी और आपको इस पर कम समय तक ब्याज देना पड़ेगा और आपके पैसों की बचत होगी।
स्टेप अप ईएमआई के विकल्प का कर सकते हैं चयन
किसान स्टेपअप ईएमआई (Step up EMI) का विकल्प चुनकर भी आसानी से ट्रैक्टर की किस्त भर सकते हैं। स्टेपअप ईएमआई में किसानों को अलग-अलग सीजन के हिसाब से अलग-अलग किस्तें भरने का विकल्प मिलता है। जैसे किसान को जिस महीने आय नहीं हो रही है, उन महीनों में किश्तें हल्की भरनी होती है। वहीं जिन महीनों में फसल कटाई का सीजन होता है जिसमें किसान को फसल बेचने से आय होती है। इस समय किसान ट्रैक्टर की किस्त भारी करवा सकते हैं क्योंकि आय होने से किसान इसे आसानी से चुका सकते हैं।
सरकारी सब्सिडी का लाभ उठाएं
कई राज्य सरकारें किसानों को ट्रैक्टर खरीदने के लिए सब्सिडी (Subsidy) का लाभ प्रदान करती हैं, ऐसे में किसानों को सरकारी योजना की जानकारी और उसके अपडेट्स पर नजर रखनी चाहिए जिससे वे इन सरकारी योजनाओं के तहत मिलने वाली सब्सिडी का लाभ उठा सके। इसके लिए आपको ट्रैक्टर खरीदने से पहले अपने नजदीकी जन सेवा केंद्र पर जाकर ट्रैक्टर से जुड़ी सरकारी योजना के बारे में अवश्य पता करना चाहिए। इससे आपको ट्रैक्टर पर अच्छी सब्सिडी भी मिल सकती है जो आपको ट्रैक्टर खरीदने में आर्थिक सहायता दे सकती है। हालांकि ट्रैक्टर जंक्शन की ओर से आपको समय-समय पर खबरों के माध्यम से सरकारी योजना पर मिलने वाली सब्सिडी के बारे जानकारी प्रदान की जाती है।