नई दिल्ली :- मेट्रो रेल कॉरपोरेशन (डीएमआरसी) अपने चौथे चरण के विस्तार में 40 किलोमीटर से ज्यादा अंडरग्राउंड कॉरिडोर बनाएगा। इसे पांच अलग-अलग गलियारों में विकसित किया जाएगा। यह चौथे चरण के कुल लाइनों का लगभग 50 प्रतिशत है। इस चरण में कुल 27 भूमिगत मेट्रो स्टेशनों का निर्माण किया जा रहा है। डीएमआरसी के एक वरिष्ठ अधिकारी के अनुसार, दिल्ली मेट्रो रेल कॉर्पोरेशन अपने चौथे चरण के विस्तार के हिस्से के रूप में 40.109 किलोमीटर से अधिक नए भूमिगत गलियारा बनाएगा। इसे पांच अलग-अलग गलियारों में विकसित किया जाएगा। यह चौथे चरण की कुल लाइनों का लगभग 50 प्रतिशत है। डीएमआरसी चौथे चरण में कुल 27 भूमिगत स्टेशनों का निर्माण कर रहा है।
उन्होंने बताया कि चौथे चरण के विस्तार के हिस्से के रूप में पांच अलग-अलग गलियारों में लगभग 86 किलोमीटर नई लाइनें बिछाई जा रही हैं। अधिकारी ने कहा कि यह एक बड़ी इंजीनियरिंग चुनौती है क्योंकि भूमिगत गलियारे सदर बाजार, नबी करीम, महरौली बदरपुर रोड, अजमल खान पार्क, नई दिल्ली आदि में भीड़भाड़ वाले आवासीय और वाणिज्यिक क्षेत्रों से गुजर रहे हैं। आम तौर पर डीएमआरसी पारंपरिक कट-एंड-कवर तकनीक का उपयोग करके भूमिगत मेट्रो स्टेशनों का निर्माण करती है, जबकि सुरंगों का निर्माण टनल बोरिंग मशीन (टीबीएम) की मदद से किया जाता है।
टीबीएम विशेष रूप से भीड़भाड़ वाले शहरी क्षेत्रों में भूमिगत सुरंग बनाने के काम के लिए उपयोगी हैं। उन्होंने कहा कि डीएमआरसी पहले चरण से अपने सुरंग निर्माण कार्य के लिए टीबीएम का उपयोग कर रहा है। तीसरे चरण में जब लगभग 50 किलोमीटर भूमिगत खंड बनाए गए थे, तो लगभग 30 टीबीएम का उपयोग किया गया था। वर्तमान में चौथे चरण के गलियारों में सात अलग-अलग टनलिंग ड्राइव पूरी हो चुकी हैं और विभिन्न स्थानों पर नौ ड्राइव प्रगति पर हैं।
उन्होंने बताया कि एयरोसिटी-तुगलकाबाद कॉरिडोर में करीब 19 किलोमीटर भूमिगत कॉरिडोर होगा, जनकपुरी पश्चिम-आरके आश्रम मार्ग कॉरिडोर में लगभग नौ किलोमीटर भूमिगत होंगे। इंद्रलोक-इंद्रप्रस्थ कॉरिडोर में 11 किलोमीटर से अधिक भूमिगत लाइनें होंगी। मजलिस पार्क-मौजपुर और लाजपत नगर-साकेत जी ब्लॉक खंड पर कोई भूमिगत स्टेशन नहीं होगा। उन्होंने कहा कि डीएमआरसी सुरंग बनाने के काम की बारीकी से निगरानी कर रही है। यह सुनिश्चित करने के लिए आवश्यक उपकरण लगाए गए हैं कि ऊपर स्थित इमारतों की स्थिति की नियमित निगरानी की जा सके।