union budget 2024 highlights in hindi?

union budget 2024 highlights in hindi?

union budget 2024 highlights: केंद्रीय वित्त मंत्री निर्मला सीतारमण की ओर से 2024 के केंद्रीय बजट को पेश कर दिया गया है अब क्योंकि 2024 चुनाव का साल है तो नियम यह कहता है जो हमारे ट्रेडिशनल चले आ रहे हैं.

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वो ये कहते हैं कि 2024 में यानी के चुनाव का जो साल होता है वहां पर कोई भी सरकार अपना फुल बजट पेश नहीं करती है अपना इंटिरिम बजट पेश करती है अंतिम बजट पेश किया जाता है।

और इसी वजह से इस बार का जो बजट है 2024 का बहुत विस्तृत बजट नहीं है बहुत संक्षेप में पेश किया गया और वित्त मंत्री का जो भाषण था वह मात्र 1 घंटे के आसपास का था तो इसी से आप अनुमान लगा सकते हैं कि बजट कितना ज्यादा संक्षेप में रहा होगा तो आज इस न्यूज़ में हम इसी बजट पर बात करने वाले हैं.

इस बजट में किस किन तमाम बिंदुओं पर बात की गई है क्या आंकड़े पेश किए गए हैं क्या अनुमान लगाए गए हैं उन्हें तमाम चीजों को यहां पर हम समझने वाले हैं। लेख की शुरुआत करते हैं और सबसे पहले बजट की रूपरेखा को समझ लेते हैं यानी इन बिन्दुओं पर चर्चा करेंगे और आपको बताएँगे संपूर्ण जानकारी.

  • मौजूदा  कार्यकाल की जो उपलब्धियां
  • भारतीय अर्थव्यवस्था की वर्तमान स्थिति
  • बजट में कौन-कौन सी घोषणाएं शामिल
  • मंत्रालय विशिष्ट आवंटन

मौजूदा  कार्यकाल की जो उपलब्धियां?

आगे बढ़ते हैं और बजट में जो बातें की गई है अन्य मौजूद सरकार की जो कार्यकाल है उसकी क्या उपलब्धियां रही है सबसे पहले वह बताया गया है तो उसे पर बात करते हैं तो यहां पर सबसे पहले गरीब कल्याण के लिए सरकार ने क्या क्या काम किया है.

उसको लेकर बात की गई है जैसे गरीब कल्याण के लिए अगर आप देखे तो डीबीटी के जरिए यानी कि डायरेक्ट बेनिफिट ट्रांसफर के जरिए तकरीबन 2.7 लाख करोड रुपए की बचत की गई है. डायरेक्ट बेनिफिट ट्रांसफर में क्या होता है इसके तहत सरकार जो है वह बेनिफिशियरी यानी जिस व्यक्ति को लाभ मिल रहा है.

उसके अकाउंट में सरकार सीधे पैसे जमा कर देती है आपको याद होगा कि सरकार की ओर से जनधन योजना इसके अलावा जो तमाम बैंक खाता खोलने की योजनाएं थी उनकी शुरुआत की गई थी तो यह इसी का एक पहलू था इसी का एक एस्पेक्ट था और इसके माध्यम से सरकार ने अब तक 2.7 लाख करोड रुपए बचाए हैं.

  • बहुआयामी गरीबी?

25 करोड लोगों को बहुआयामी गरीबी Multi-Dimensional Poverty से बाहर किया गया है अब आप सोचेंगे Multi-Dimensional Poverty क्या होता है अगर आप Multi-Dimensional Poverty की बात करते हैं तो इसमें गरीबों के साथ-साथ आर्थिक स्थिति के साथ-साथ जो दूसरे एस्पेक्ट Aspect हैं जैसे आपका

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  • लिविंग स्टैंडर्ड क्या है?

आपका स्वास्थ्य क्या है आपने कहा तक पढ़ाई की है इन तमाम चीजों को भी शामिल करने की कोशिश की जाती है तो यह क्या करता है यह जो Multi-Dimensional Poverty का जो पूरा इंस्ट्रूमेंट है जो पूरा टूल है वह किसी देश में लोगों की क्या स्थिति है।

न केवल आर्थिक मामले में बल्कि दूसरे तमाम एस्पेक्ट Aspect पर भी खास तौर पर जब आप सोशल एस्पेक्ट की बात करते हैं तो उसमें लोग कैसी स्थिति जी रहे हैं कैसा जीवन जी रहे हैं वह बताता है और सरकार के अकड़े कहते हैं कि सरकार ने पिछले कुछ सालों में तकरीबन 25 करोड लोगों को इस गरीबी से बाहर निकाला है।

जैसे यहां पर अगर आप आंकड़े को देखेंगे तो 2005 के अकड़े बताते है की तकरीबन भारत की जो जनसंख्या है उसमें से तकरीबन 55.3% जो लोग थे वह बहुआयामी गरीबी में मौजूद थे इतनी गरीबी का सामना कर रहे थे अगर आप मौजूद आंकड़े की देखे तो 2022-23 का आंकड़ा बताता है कि ये जो संख्या है यह 55 से घटकर के 11% पर पहुंच गई है।

पीएम सम्मन निधि योजना की भी बात की गई है इस बजट में?

यह भी सरकार की उपलब्धि रही इसके अलावा यहां पर पीएम सम्मन निधि योजना की भी बात की गई है पीएम सम्मन निधि योजना के बाद के माध्यम से भारत सरकार की ओर से 78 करोड़ रैली पट्टी वाली जो लोग थे उन लोगों को ऋण प्रदान किया गया तो अगर आप पीएम सम्मान निधि योजना की बात करें तो यह योजना भारत में जो आपको जो फुटपाथ है उसके आसपास जो लोग रेडी पटरी लगाते हैं।

उनके लिए सरकार ने इस योजना की शुरुआत की थी इस योजना में बेसिकली सरकार थोड़ा बहुत ऋण देती है आपको 10000 का मिल सकता है. इसके बाद 20000 का फिर उसके बाद 50000 का और उसे पर जो इंटरेस्ट रेट होता है वह बहुत कम होता है 7% के आसपास होता है.

इसके अलावा उस पर आपको कोई कॉलेटरल भी नहीं देना पड़ता कोई चीज गिरवी नहीं रखनी पड़ती है तो इससे जो हमारे छोटे-छोटे जो दुकानदार हैं उनको बहुत ज्यादा फायदा मिलता है। तो सरकार का डाटा बताता है कि सरकार ने अपनी योजना के माध्यम से तकरीबन 78 लाख लोगों की सहायता की है। तो इस बजट बताता है।

यूथ के लिए सरकार ने क्या किया है? एजुकेशन सेक्टर

इसके अलावा अगर आप युवाओं की बात करें खास तौर पर एजुकेशन सेक्टर में आप देखते हैं युवाओं के लिए देखिए यूथ के लिए सरकार ने क्या किया है तो सरकार ने तकरीबन 1.4 करोड़ युवाओं को कौशल भारत अभियान के तहत प्रशिक्षित किया है यानी उन्हें स्किल प्रदान की गई है इसके अलावा युवाओं को उद्यमी बनने के लिए तकरीबन जो पीएम मुद्र योजना है।

इसके तहत 43 करोड रुपए के लोन को स्वीकृत किया गया है अब अगर आप पीएम मुद्र योजना की बात करें तो पीएम मुद्र योजना सरकार की ओर से शुरू की गई थी ताकि भारत में जो हमारे उद्यमी है जो एंटरप्रेन्योर्स हैं उनको माइक्रो लोन दिए जा सके मुद्रा के जवाब बात करेंगे तो उसमें जो एम है वह माइक्रो के लिए है तो यहां पर सरकार माइक्रो लोन प्रदान करती है।

माइक्रो लोन कैसे यहां पर जो लोन है उसकी दो क्रांतिकारी शामिल की गई है पहले कैटेगरी में आप 50000 तक का लोन ले सकते हैं दूसरी कैटेगरी में आप 50000 से 5 लाख तक का लोन ले सकते हैं। यहां पर आप देखेंगे की लोन का अमाउंट केवल 5 लाख है तो इसका उद्देश्य यह है.

कि भारत में जो छोटे-छोटे एंटरप्रेन्योर्स हैं छोटे-छोटे जो उद्यमी है उनकी सहायता करना और इस योजना के माध्यम से सरकार ने अब तक 43 करोड रुपए के अमाउंट को 43 करोड रुपए के लोन को स्वीकृत किया है। यह एक बड़ी उपलब्धि के तौर पर सरकार द्वारा पेश किया गया है.

पीएम श्री योजना PM SHRI Yojana भी इस बजट में शामिल है?

दोस्तों इसके अलावा पीएम श्री जो योजना है उसके आवंटन भी बढ़ोतरी की गई है इसको 2023 में 4000 करोड़ के आसपास था इसको बढ़कर 6050 करोड़ कर दिया गया है इसके अलावा अगर आप एजुकेशन सेक्टर की बात करें सरकार ने जो यूनिवर्सिटीज खोली है।

वहां पर अगर आप देखे तो इसमें आपको देखेंगे की 2014 में जो हमारी संख्या 16 के आसपास हुआ करती थी और यह 2023 में बढ़कर 23 के आसपास पहुंच गई है। यानी आपको जो है आईआईटी की संख्या में बढ़ोतरी देखने को मिली है।

इसके अलावा एम्स की अगर आप बात करें तो 2014 में जो एम्स थे वह 7 एम्स थे वही 2022 में हमारे पास 22 एम्स मौजूद हैं इसके अलावा अगर आप बात करें 2014 में यूनिवर्सिटीज की विश्वविद्यालय की इनकी संख्या 2014 में 723 हुआ करती थी जो की 2023 में बढ़कर 113 हो गई है यानी ओवर ऑल अगर आप देखे एजुकेशन सेक्टर में हमने यूनिवर्सिटीज को बढ़ाने में बहुत ज्यादा महत्वपूर्ण काम किया है।

तो इसके माध्यम से जो हायर एजुकेशन है उसमें भी आपको एक लेवल पर बढ़ौती देखने को जरूर मिलेगी यह तो हमने एजुकेशन पर बात कर ली है उस पर बात कर ली है।

गरीब  किसानों को लेकर क्या किया गया है इस बजट में उसकी भी बात की गई है आइये जानते है?

किसानों को लेकर क्या किया गया है अगर उसकी बात करें तो किसानों को लेकर सरकार ने पीएम किसान योजना के तहत जो किसान है हमारे उन्हें 11.8 करोड रुपए का अमाउंट जो है वह डायरेक्ट बेनिफिट ट्रांसफर यानी डीबीटी के जरिए उन्हें प्रदान किया गया है.

अब अगर आप बात करें पीएम किसान योजना की तो पीएम किसान योजना के तहत बेसिकली सरकार जो है वह हमारे किसानों की सहायता करती है और किसने की सहायता को लेकर के उन्हें ₹6000 प्रदान किए जाते हैं तो यह पीएम किसान योजना है और सरकार ने इसके तहत किसानों को 11.8 करोड रुपए प्रदान किए हैं.

इसके अलावा फसल बीमा योजना सरकार की ओर से शुरू की गई थी तो फसल बीमा योजना के तहत तकरीबन 4 करोड़ किसने की फसल का बीमा किया गया है इसके अलावा जो हमारे किसान है

उनके लिए आपको याद होगा सरकार की ओर से आई नाम शुरू किया गया था यानी कि सरकार ने एक ऑनलाइन मंडी की शुरुआत की थी इसके माध्यम से भारत में जो तमाम कमोडिटी जहां पर कमोडिटी की बिक्री होती है जहां पर जो हमारी फसल है.

उसकी बिक्री की जाती थी उन फसलों को ऑनलाइन माध्यम सेइंटीग्रेटेड किया गया था ए नाम योजना के माध्यम से आई नाम पोर्टल के माध्यम से तो सरकार ने बताया है कि आई नाम पोर्टल के माध्यम से हमने तकरीबन 1361 मंदिरों को इंटीग्रेटेड किया है

इस पूरे पोर्टल से जोड़ा गया है और इस पूरे पोर्टल के माध्यम से जो टोटल ट्रेड होता है जो व्यापार होता है उसकी वॉल्यूम तकरीबन 3 लाख करोड़ करोड़ के आसपास है यानी कि नाम योजना के माध्यम से इतने बड़े लेवल पर आपको ट्रेड देखने को मिल रहा है.

नारी शक्ति की भी बात की गई है इस बजट में आइये जानते है विस्तार से?

अगर आप नारी शक्ति की बात करें कि सरकार की ओर से महिलाओं के लिए क्या किया गया है तो आपको याद होगा हमने मुद्रा योजना की ही बात की थी तो मुद्रा योजना में विशेष कर महिलाओं पर जोर दिया गया है मुद्रा योजना के तहत सरकार ने महिला उद्यमियों को 30 करोड़ मुद्रा योजना लोन जो है वह वितरित किए हैं.

इसके अलावा अगर आप बात करें उच्चतर शिक्षा में महिलाओं की क्या स्थिति है तो उच्चतर शिक्षा में महिलाओं का जो नामांकन है उनका जो एनरोलमेंट है वह पिछले 10 सालों में बड़ा है और पिछले 10 सालों में इसमें तकरीबन 28% तक की बढ़ोतरी आपको देखने को मिली है. 

यानी हमारा जो हायर एजुकेशन सिस्टम है वहां पर अब महिलाएं ज्यादा आ रही है पिछले 10 साल की तुलना में इसके अलावा आप बात करें स्टेम पाठ्यक्रमों की यानी कि स्टेम का मतलब होता है साइंस इंजीनियरिंग टेक्नोलॉजी मैथमेटिक्स एंड मेडिसिन science technology engineering mathematics and medicine (stemm) यह जो साइंस वाले सेक्टर हैं यहां पर महिलाओं का जो एनरोलमेंट है. 

उसमें वह 43% के आसपास पहुंच गया है यानी कि आप जो है 100 में से 43 जो लोग जो अगर आप माने की 100 लोग स्टेम सेक्टर से जुड़े हुए हैं तो उसमें से 43 जो है महिलाएं हैं तो यह भारत के लिए एक बड़ी उपलब्धि है कि भारत अपने स्टेम सेक्टर में महिलाओं को जोड़ने में सफल साबित हुआ है.

इसके अलावा अगर आप बात करें आ लखपति दीदी योजना की तो सरकार की ओर से यह लखपति दीदी योजना शुरू की गई थी जिसके तहत तकरीबन 83 लाख स्वयं सहायता समूह की एक करोड़ महिलाओं को लखपति दीदी बनाने के बाद लखपति दीदी बनाया गया है.

और सरकार ने अब इसके टारगेट को भी बढ़ा दिया है लखपति दीदी बेसिकली सरकार का एक कार्यक्रम था जिस कार्यक्रम के तहत सरकार जो है वह स्वयं सहायता समूह हो यानी कि जो सेल्फ हेल्प ग्रुप है उनके माध्यम से गांव की जो महिलाएं हैं. 

उन्हें फाइनेंशली एंपावर करने की कोशिश कर रही थी इसमें दरअसल इसमें टारगेट यह डिसाइड किया गया था कि जो महिलाएं हैं जो इस कार्यक्रम से जुड़ेगी उन्हें स्किल डेवलपमेंट के माध्यम से उन्हें नई चीज सिखा करके हम 1 साल के भीतर एक लाख रूपए कमाने में सक्षम बनाएंगे तो उन्हें लखपति दीदी कहा जाता है.

तो इस स्कीम के बारे में भी हमने बात की तो यहां पर हमने नारी शक्ति को लेकर सरकार ने क्या किया है उसको भी बेसिकली ओवर ऑल समझ लिया है तो यह हमने किसानों की भी बात की और महिलाओं के लिए सरकार ने क्या किया है उसको भी समझा.

भारतीय इकोनॉमी की वर्तमान स्थिति की बात की गई है इस बजट में? आइये जानते है?

अब हम भारतीय इकोनॉमी की वर्तमान स्थिति की बात करते हैं जो की सरकार ने इस बजट में डाटा हमारे सामने पेश किया है सबसे पहले अगर आप बात करें CAD की यानी की करंट अकाउंट डेफिसिट की तो करंट अकाउंट डेफिसिट पिछले कुछ सालों में लगातार आपको कम होता हुआ दिखाई देगा केवल 2023 को छोड़कर के तो CAD का क्या मतलब होता है

CAD यानी के करंट अकाउंट डेफिसिट बेसिकली आपका जो इंपोर्ट और एक्सपोर्ट है उसके डिफरेंट को आप CAD कहते हैं करंट अकाउंट डेफिसिट कैसे इसको और अगर आप विस्तार से समझने की कोशिश करें तो मान लीजिए अगर कोई देश है वह दुनिया के दूसरे देशों को ₹100 का अमाउंट बेचता है और अगर जो अमाउंट मांगता है वह आपका कितना है.

120 रुपए का है तो डिफरेंस कितना हुआ डिफरेंट हुआ -20 तो यह -20 जो है यह हमारा करंट अकाउंट डेफिसिट हो गया यानी सरकार को आया तो निर्यात करने में टोटल इतना ₹20 का जो है नुकसान झेलना पड़ता है आप अगर आप देखें क्योंकि 20 तो एक एग्जांपल हुआ अब अगर आप ओवरऑल देखें तो यह जीडीपी के परसेंटेज के तौर पर दर्शाया जाता है।

अगर आप बात करें 2014 की तो यह तकरीबन 1.6 के आसपास हुआ करता था 67 के आसपास और अगर आप 2024 का जो अनुमान है हमारा उसको देखें तो यह तकरीबन आपका 0.67 के आसपास आ चुका है यानी कि इसमें कमी देखने को मिली है.

हालांकि 2023 जो है वह इसका एक एक्सेप्शन है एक अपवाद है 2023 में हमारा जो करंट अकाउंट डेफिसिट था वह 1.78 के आसपास था 1.7 या 1.8 के आसपास था तो जाहिर तौर पर ये हमने करंट अकाउंट डेफिसिट की बात की इसके अलावा आप बेरोजगारी दर की बात करें तो ओवरऑल अगर आप देखेंगे तो भारत में बेरोजगारी की जो डर है।

वह काम हो रही है 2017-18 में यह 6.1% के आसपास थी अपने पिक लेवल पर थी और 2022-23 में यह 3.2% के आसपासपहुंच गई है इसके अलावा अगर आप बात करें कि बैंकों का जो जीएनपी है यानी कि ग्रॉस नॉन परफॉर्मिंग ऐसेट gross non performing assets है उसमें भी लगातार कमी आई है खासतौर पर पिछले कुछ सालों में। 

2018 में अगर आप बैंकों का नॉन परफॉर्मिंग ऐसेट gross non performing assets देखेंगे तो वह 11.2% के आसपास था क्योंकि लगातार धीरे-धीरे कम होते हुए वर्तमान समय में 2023 में सितंबर 2023 में 3.2% के आसपास आ गया है तो ग्रॉस नेट एनपीए में भी ग्रॉस नॉन परफॉर्मिंग ऐसेट में भी आपको कमी देखने को मिली है.

डिजिटल ट्रांजेक्शन के बारे में इस बजट में बात की गई है आइये जानते है?

डिजिटल ट्रांजेक्शन कि अगर आप बात करते हैं तो भारत में देखते हैं आप लगातार आपने देखा आपने महसूस किया होगा कि भारत में एक डिजिटल रिवोल्यूशन देखने को मिल रहा है और इसी डिजिटल रिवोल्यूशन का परिणाम है कि भारत में जो डिजिटल ट्रांजेक्शन है उसमें बहुत बड़े लेवल पर बढ़ाहोत्तरी देखने को मिली है जैसे 2018 में अगर आप देखेंगे तो यह बहुत नीचे हुआ करता था और 2024 में जो अनुमान है.

ये 12000 करोड़ यानी के तकरीबन अगर आप देखे तो 14 15000 करोड रुपए के जो ट्रांजैक्शन है उसको क्रॉस कर सकता है तो यह डिजिटल ट्रांजेक्शन कि हमने बात की की उसमें भी बढ़ोतरी हो रही है इसके अलावा अगर आप और ज्यादा डाटा को देखें तो इसमें आप देख सकते हैं कि हमारा जो जीएसटी संग्रहण है.

उसमें भी बढ़ोतरी हुई है आज ही यह खबर सामने आई है कि जनवरी 2024 में जो जीएसटी कलेक्शन रहा है वह अब तक का सेकंड हाईएस्ट जीएसटी कलेक्शन है तो यह भी डाटा हमारे सामने आया है जीएसटी कलेक्शन में भी बढ़ोतरी देखने को मिली है.

निष्कर्ष

तो दोस्तों आपने इस आर्टिकल के माध्यम से जाना यूनियन बजट हाइलाइट्स न्यूज़ जानकारी अच्छी लगी हो तो कृपया कर के हमें कमेंट में बताइये और ऐसी ही देश दुनिया की जानकारी के लिए हमारे इस ब्लॉग पोस्ट से जुड़े रहे धन्यवाद!

नोट:

यह बजट 2024 का एक संक्षिप्त विवरण है। अधिक जानकारी के लिए, आप सरकार द्वारा जारी किए गए बजट दस्तावेजों को पढ़ सकते हैं.

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