चंडीगढ़ :- हरियाणा सरकार ने प्रदेश के किसानों को बड़ी राहत देते हुए इस बार सरसों की सरकारी खरीद निर्धारित समय से 13 दिन पहले शुरू करने का फैसला लिया है। मुख्यमंत्री नायब सिंह सैनी ने स्वयं इस निर्णय की घोषणा करते हुए कहा कि इस बार किसानों को अपनी सरसों बेचने के लिए ज्यादा इंतजार नहीं करना पड़ेगा।
सरसों की खरीद के लिए 108 मंडियां होंगी तैयार
सरकार ने किसानों की सुविधा को ध्यान में रखते हुए प्रदेशभर में कुल 108 मंडियों में सरसों खरीद की व्यवस्था की है। मुख्यमंत्री ने अधिकारियों को निर्देश देते हुए कहा कि किसानों को किसी प्रकार की असुविधा नहीं होनी चाहिए। सभी संबंधित विभागों को यह सुनिश्चित करना होगा कि खरीद प्रक्रिया पूरी तरह से सुचारू रूप से संचालित हो।
सरसों की एमएसपी और खरीद प्रक्रिया
रबी विपणन मौसम 2025-26 के दौरान सरसों का MSP (Minimum Support Price) 5950 रुपये प्रति क्विंटल तय किया गया है। सरकार का यह कदम किसानों को आर्थिक सुरक्षा देने और उनकी मेहनत का सही मूल्य दिलाने की दिशा में एक अहम निर्णय साबित होगा। मुख्यमंत्री नायब सिंह सैनी ने यह स्पष्ट किया कि सरकारी एजेंसियां खरीद प्रक्रिया को पारदर्शी बनाए रखेंगी। राज्य में किसानों को न्यूनतम समर्थन मूल्य का लाभ देने के लिए My Crop, My Details Portal (मेरो फसल, मेरा ब्यौरा पोर्टल) पर पंजीकरण अनिवार्य किया गया है। बिना पंजीकरण के किसी भी किसान की फसल की खरीद नहीं की जाएगी।
खरीद के लिए की गई विशेष तैयारियां
प्रदेश सरकार ने खरीद प्रक्रिया को सुचारु रूप से संचालित करने के लिए HAFED (हरियाणा राज्य सहकारी आपूर्ति और विपणन महासंघ लिमिटेड) और Haryana State Warehousing Corporation (हरियाणा राज्य भंडारण निगम) को जिम्मेदारी सौंपी है। ये दोनों एजेंसियां किसानों से न्यूनतम समर्थन मूल्य पर सरसों की खरीद करेंगी।
इस बार सरसों उत्पादन के आंकड़े
अधिकारियों ने बताया कि हरियाणा में आमतौर पर 17 से 20 लाख एकड़ क्षेत्र में सरसों की खेती होती है, लेकिन इस साल 21.08 लाख एकड़ में सरसों की बुआई की गई है। कृषि विभाग के अनुमानों के अनुसार इस वर्ष राज्य में लगभग 15.59 लाख मीट्रिक टन सरसों का उत्पादन होने की संभावना है।
किसानों को दिए गए विशेष निर्देश
सरकार ने किसानों को यह भी सलाह दी है कि वे quality parameters (गुणवत्ता मानकों) का विशेष ध्यान रखें, ताकि उनकी फसल की बिक्री बिना किसी बाधा के हो सके। किसान भाइयों को सुझाव दिया गया है कि वे अपनी फसल की सफाई सही से करें और नमी की मात्रा 8% से कम रखें, जिससे सरकारी एजेंसियां उनकी फसल आसानी से खरीद सकें।
खरीद प्रक्रिया को लेकर सीएम का बड़ा बयान
मुख्यमंत्री ने अधिकारियों को सख्त निर्देश दिए कि इस बार खरीद प्रक्रिया में किसी भी प्रकार की लापरवाही सहन नहीं की जाएगी। उन्होंने कहा, Farmers should not face any inconvenience (किसानों को कोई असुविधा नहीं होनी चाहिए)। सभी विभाग मिलकर यह सुनिश्चित करें कि किसानों को उनकी मेहनत का पूरा मूल्य मिले।
बिचौलियों पर कड़ी नजर
सरकार ने यह भी स्पष्ट कर दिया है कि खरीद प्रक्रिया में किसी भी प्रकार की धांधली बर्दाश्त नहीं की जाएगी। Middlemen (बिचौलियों) पर कड़ी निगरानी रखने के लिए मंडियों में विशेष टीमें तैनात की जाएंगी, जो यह सुनिश्चित करेंगी कि कोई भी किसान ठगा न जाए। यदि किसी भी प्रकार की गड़बड़ी पाई गई, तो संबंधित अधिकारियों और एजेंट्स के खिलाफ कड़ी कार्रवाई की जाएगी।
फसल पंजीकरण की प्रक्रिया
किसानों को अपनी फसल सरकारी दर पर बेचने के लिए Meri Fasal Mera Byora (मेरी फसल, मेरा ब्यौरा) पोर्टल पर पंजीकरण करवाना अनिवार्य है। पंजीकरण के बिना किसानों को MSP का लाभ नहीं मिलेगा। पंजीकरण की प्रक्रिया बेहद सरल है, जिसे किसान घर बैठे ऑनलाइन पूरा कर सकते हैं।
खरीद के दौरान किसानों को ये दस्तावेज रखने होंगे जरूरी:
भूमि स्वामित्व प्रमाण पत्र (Land Ownership Document)
बैंक खाता विवरण (Bank Account Details)
आधार कार्ड (Aadhaar Card)
सरसों फसल का सत्यापन दस्तावेज (Crop Verification Document)