नई दिल्ली :- 1 अप्रैल 2025 से नए वित्तीय वर्ष की शुरुआत के साथ ही बैंकिंग, इनकम टैक्स, एफडी और UPI जैसी सेवाओं से जुड़े कई नियम बदल जाएंगे। इनमें विदेश में पैसे भेजने पर TDS छूट, सीनियर सिटिजन के लिए FD पर बढ़ी हुई टैक्स राहत, PAN-आधार लिंकिंग का अनिवार्य नियम है। इसके साथ ही क्रेडिट कार्ड के रिवॉर्ड्स में कटौती जैसे बदलाव शामिल हैं। ये नए नियम आम लोगों की जेब, निवेश और दैनिक लेनदेन पर सीधा प्रभाव डालेंगे।
विदेश में पैसे भेजने पर TDS में छूट
1 अप्रैल 2025 से लिबरलाइज्ड रेमिटेंस स्कीम (LRS) के तहत विदेश में पढ़ रहे बच्चों की फीस या अन्य खर्चों के लिए 10 लाख रुपये तक भेजने पर TDS नहीं लगेगा।पहले 7 लाख रुपये से अधिक की राशि पर 5% TDS देना पड़ता था। यह बदलाव विदेश में पढ़ाई कर रहे छात्रों के लिए बड़ी राहत लेकर आया है।
इनकम टैक्स स्लैब में बदलाव
नए टैक्स रिज़ीम के तहत 7 लाख रुपये तक की सालाना आय पर कोई टैक्स नहीं लगेगा। साथ ही, 30% टैक्स स्लैब की सीमा 15 लाख से घटाकर 14 लाख रुपये कर दी गई है। यानी अब 14 लाख से अधिक कमाने वालों को 30% टैक्स देना होगा।
सीनियर सिटिजन के लिए FD पर बड़ी राहत
वरिष्ठ नागरिकों की फिक्स्ड डिपॉजिट (FD) से मिलने वाले ब्याज पर TDS छूट की सीमा 50,000 से बढ़ाकर 1 लाख रुपये कर दी गई है। अब सीनियर सिटिजन 1 लाख रुपये तक की ब्याज आय पर TDS नहीं देंगे।
बैंकों में न्यूनतम बैलेंस नियम सख्त
कई बैंकों ने बचत खातों में न्यूनतम बैलेंस की शर्तें सख्त की हैं। शहरी, अर्ध-शहरी और ग्रामीण क्षेत्रों के लिए अलग-अलग नियम लागू होंगे। SBI, PNB और केनरा बैंक जैसे प्रमुख बैंकों ने पहले ही अपनी नीतियों में बदलाव किया है।
50,000 रुपये से अधिक के चेक पर पॉजिटिव पे सिस्टम अनिवार्य
अब 50,000 रुपये से अधिक के चेक भुगतान के लिए पॉजिटिव पे सिस्टम अनिवार्य होगा। इसमें चेक की जानकारी पहले बैंक को देनी होगी, जिससे धोखाधड़ी रोकने में मदद मिलेगी।
क्रेडिट कार्ड रिवॉर्ड्स में कटौती
SBI, IDFC जैसे बैंकों ने क्रेडिट कार्ड रिवॉर्ड पॉइंट्स और माइलस्टोन बेनिफिट्स में कटौती की है। अब फ्री वाउचर और डिस्काउंट ऑफर्स कम मिलेंगे।
PAN-आधार लिंकिंग अनिवार्य, नहीं तो ज्यादा TDS
अगर PAN और आधार कार्ड लिंक नहीं किए गए हैं, तो TDS की दर बढ़ सकती है और टैक्स रिफंड में देरी होगी।
नई टैक्स व्यवस्था डिफॉल्ट रहेगी
अब पुरानी टैक्स व्यवस्था (80C जैसी छूट) का लाभ लेने के लिए अलग से आवेदन करना होगा, वरना नई टैक्स स्कीम स्वतः लागू हो जाएगी।
इनपुट टैक्स क्रेडिट के लिए रजिस्ट्रेशन जरूरी
व्यवसायों के लिए इनपुट टैक्स क्रेडिट का लाभ लेने के लिए रजिस्ट्रेशन अनिवार्य होगा। नियमों का पालन न करने पर जुर्माना लगेगा।
UPI और डिजिटल पेमेंट्स पर नए नियम
UPI लेनदेन से जुड़े नए दिशा-निर्देश जारी किए जा सकते हैं, जिसमें लिमिट और सुरक्षा नियमों में बदलाव शामिल हो सकता है।