गुरुग्राम में 3 लाख से अधिक निर्माण वालों के लिए आई बुरी खबर, अब देना होगा तीन गुना प्रॉपर्टी टैक्स

गुरुग्राम में 3 लाख से अधिक निर्माण वालों के लिए आई बुरी खबर, अब देना होगा तीन गुना प्रॉपर्टी टैक्स

गुरुग्राम शहर में अवैध रूप से भवनों का निर्माण करने वाले व रिहायशी क्षेत्र में भवन का व्यावसायिक प्रयोग करने वालों पर अब निगम की तरफ से भवन में तोड़फोड़ के साथ उसे आर्थिक रूप से भी जुर्माना लगाया जाएगा। इसको लेकर नगर निगम ने हरियाणा नगर निगम (संशोधन) विधेयक, 2021 को लागू कर दिया है। इसके तहत अवैध निर्माण करने वाले भवन मालिक को भवन तोड़ने के नोटिस के साथ ही संपत्ति आईडी के साथ नोटिस को अटैच कर दिया जाएगा। अवैध निर्माण करने वाले भवन मालिकों को संपत्तिकर का तीन गुना यानी एक हजार से सीधा तीन हजा रुपये संपत्तिकर निगम में देना होगा।

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बिना नक्शा पास कराए निर्माण पर ऐक्शन

बता दें कि नगर निगम गुरुग्राम के दायरे में तीन लाख से अधिक भवन निगम से बिना नक्शा पास करवाए ही बने हुए हैं। फिलहाल भी शहर में 1500 से अधिक अवैध भवन निर्माणों का कार्य चल रहा है। भवन मालिक किराए की लालच में बिना नक्शा पास करवाए ही पांच से छह मंजिला तक भवनों का निर्माण शुरू कर लेते हैं।

राजस्व का भी होता था नुकसान

इस कारण हादसे होने का डर तो रहता ही है साथ में नगर निगम के राजस्व का भी काफी नुकसान होता है। इसको देखते हुए हरियाणा सरकार व शहरी स्थानीय निकाय के तत्कालीन मंत्री अनिल विज ने इस हरियाणा नगर निगम अधिनियम, 1994 में और संशोधन कर हरियाणा नगर निगम (संशोधन) विधेयक, 2021 को लागू कर दिया है। इसमें अधिनियम की धारा 87, 87डी और 87ई बनाया गया है। जिसमें अवैध निर्माण करने वालों के खिलाफ संपत्तिकर को तीन गुना वसूलने का प्रावधान किया गया है।

अब तक यह हो रही थी कार्रवाई

निगम की तरफ से अभी तक अवैध निर्माण करने वालों को पहले कारण बताओ नोटिस दिया जाता है। इसके बाद उसे सीलिंग और तोड़ने के आदेश जारी होते हैं। पांच मंजिला अवैध ईमारत को तोड़ने के लिए निगम के पास कोई संसाधन नहीं है। इस कारण निगम द्वारा हल्की तोड़फोड़ करके उसे सील कर दिया जाता है, लेकिन बाद में फिर से सील तोड़कर भवन मालिक अवैध इमारत बना लेता है। इसकी अगर कोई शिकायत कर देता है तो निगम द्वारा भवन मालिक के खिलाफ पुलिस में मामला दर्ज करवा दिया जाता है। इसके बाद निगम की तरफ अवैध निर्माण पर कोई कार्रवाई नहीं की जाती है।

क्या कहता है कानून?

हरियाणा नगर निगम (संशोधन) विधेयक, 2021 के अधिनियम की धारा 87, 87डी और 87ई में अगर नगर निगम के दायरे में कोई भवन मालिक निगम की बिना अनुमति या निगम से बिना नक्शा पास करवाए भवन का निर्माण करता है, बने हुए मकान के ऊपर नया निर्माण किया जा रहा है या फिर रिहायशी क्षेत्र में संपत्ति का व्यावसायिक प्रयोग में लाया जा रहा है, ऐसी स्थिति में निगम की तरफ से इस अधिनियम के तहत भवन मालिक के संपत्तिकर तीन गुना वसूल किया जाएगा।

तोड़ने पर ही मिलेगी राहत

अगर संपत्ति मालिक निगम को सालाना एक हजार रुपये का भुगतान करता है तो अवैध निर्माण करने पर निगम की तरफ से उससे हर साल तीन हजार रुपये का संपत्तिकर वसूल किया जाएगा। यह संपत्तिकर तब तक वसूल किया जाएगा जब तक भवन मालिक भवन को तोड़ नहीं देगा या फिर जो भी नियमों का उल्लंघन किया है उसे सहीं नहीं करता है। संपत्ति कर व्यावसायिक प्रयोग करने वाले भवन मालिक को भी इसी तरह से तीन गुना संपत्तिकर वसूल किया जाएगा।

तीन लाख से अधिक बने हैं अवैध निर्माण

नगर निगम क्षेत्र में तीन लाख से अधिक अवैध निर्माण बने हुए हैं। शहर में भवन निर्माण करने वाले लोग निगम से बिना अनुमति या बिना नक्शा पास करवाए ही भवनों का निर्माण करते हैं। जिससे शहर की सूरत बिगड़ने के साथ सीवर, पानी, सड़क आदि की समस्याओं से लोगों को जूझना पड़ता है। अब निगम की तरफ से जिस भी अवैध भवन निर्माण करने वाले मालिक को भवन तोड़ने के नोटिस के साथ नए अधिनियम के तहत संपत्तिकर जुर्माना को शामिल किया जाएगा। भवन मालिक के साथ एक कॉपी निगम के संपत्तिकर विंग में जाएगी।

नए नियम के तहत दिए हैं नोटिस

नगर निगम की जोन-1 के संयुक्त आयुक्त ने नए नियम के तहत 300 से अधिक अवैध निर्माण करने वाले लोगों को नोटिस जारी कर दिया है। मालिकों को नोटिस देने के साथ एक कॉपी क्षेत्रिय कराधान अधिकारी को भी भेजी गई है। अब कर विंग की तरफ से उन भवन मालिकों की संपत्ति आईडी पर तीन गुना संपत्तिकर चढ़ाया जाएगा।

कब तक देना होगा तीन गुना टैक्स

अवैध निर्माण करने वाले भवन मालिकों पर अब नए अधिनियम के तहत संपत्तिकर का तीन गुना कर निगम को देना होगा। यह संपत्ति कर जब तक लगता रहेगा तब तक भवन मालिक अपने भवन को तोड़ नहीं देगा या फिर अगर रिहायशी संपत्तिकर व्यावसायिक प्रयोग कर रहा उसे रिहायशी प्रयोग में नहीं बदलता है। इसको लेकर नोटिस देने का काम शुरू कर दिया है।

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