नई दिल्ली :- ऊषा तिवारी ने बताया कि शुरुआत से उनके हस्बैंड और ससुर जी को अच्छा नहीं लग रहा था. फिर उन्होंने समझाया. इसके बाद दोनों मिलकर ऊषा का सपोर्ट करने लगे. आज वो अपने काम से बढ़िया कमाई भी कर रही हैं. उन्होंने बताया कि वो 4 साल से अचार का बिजनेस कर रही हैं. ऊषा ने कहा कि इस समय उनके पास 12 से 14 प्रकार के अचार उपलब्ध हैं. आगे और अचार बनाने के बारे में सोच रही हैं. जल्द ही सहजन का अचार बनाना भी वो शुरू कर देंगी. ऊषा ने बताया कि वो इंटर के बाद किसी कारण से पढ़ाई नहीं कर पाई और अब अचार का बिजनेस कर रही हैं.
200 महिलाओ को दिया काम
मां दुर्गा स्वयं समूह में शुरू में 12 महिलाएं काम करती थीं. लेकिन इस समय 200 महिलाएं काम कर रहे हैं. उन्होंने बताया कि अभी तो गोंडा में निजी दुकानों पर और मॉल में अचार की सप्लाई हो रही है. ऊषा बताती हैं, ‘हमको सबसे ज्यादा हाइजीन का ध्यान देना होता है.अचार बनाते समय हम लोग हाथ में ग्लव्स, मुंह पर मास्क का प्रयोग करते हैं. अचार में किसी भी प्रकार केमिकल का प्रयोग नहीं करते हैं. हम पूरी तरीके से ऑर्गेनिक अचार तैयार करते हैं.’