गुरुग्राम :- हरियाणा के गुरुग्राम में सेक्टर-37डी स्थित देश की नवरत्न कंपनी नेशनल बिल्डिंग कंस्ट्रक्शन कंपनी (एनबीसीसी) की ग्रीन व्यू सोसायटी के तीन टावर गिराने की अनुमति दे दी है। एनबीसीसी सोसायटी के निवेशकों को काफी दिनों से उम्मीद है कि एनबीसीसी खतरनाक साबित हो चुके इन टावर को गिराकर नया निर्माण शुरू करेगी या ब्याज सहित उनका रिफंड करेगी।

लोगों ने 2012 में जमा करानी शुरू की थी राशि
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उपायुक्त अजय कुमार ने सोसायटी के ई, एफ और जी टावर को गिराने की अनुमति दी है। एनबीसीसी ने सोसायटी बनाने की 2011 में प्रक्रिया शुरू की। 2012 में लोगों ने अग्रिम राशि जमा करानी शुरू कर दी थी। सोसायटी का निर्माण 2015 में करके लोगों को कब्जा देने की घोषणा की गई थी। बता दें कि निर्माण कार्य शुरू होने के बाद 30 माह में कब्जा दिया जाना था। 32 महीने बाद एनबीसीसी के अधिकारियों ने निर्माण कार्य के निरीक्षण किया। उस दौरान पाया कि ठेकेदार ने अभी मात्र 39 फीसद काम किया है।
इमारत के निर्माण पर उठाए गए सवाल
इसके बाद निवेशकों ने उस समय भी इस रिपोर्ट पर सवाल उठाए थे। 2019 में लोगों को कब्जा दिया गया। कुछ समय बाद ही दीवारों से और लेंटर का प्लास्टर झड़ने लगा। निवासियों ने इमारत के निर्माण पर सवाल उठाए।
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इमारत में पूरी तरह खामी होने की दी रिपोर्ट
एनबीसीसी ने सितंबर 2020 में इस सोसायटी का स्ट्रक्चरल ऑडिट कराने का काम आईआईटी दिल्ली को सौंप दिया। तीन माह बाद आईआईटी की टीम ने इस बिल्डिंग के निर्माण कार्य में खामियों की रिपोर्ट दी। उसके बाद एनबीसीसी के अधिकारियों ने इस रिपोर्ट को गलत करार दे आईआईटी रुड़की से जांच कराने का आग्रह किया। आईआईटी रुड़की की टीम ने भी इमारत में पूरी तरह खामी होने की रिपोर्ट दे दी। रिपोर्ट में इस इमारत को रहने लायक नहीं बताया था। उपायुक्त ने फरवरी 2022 में रिपोर्ट के बाद निवासियों को फ्लैट खाली करने के आदेश दिए थे। धीरे-धीरे निवासियों ने सोसायटी खाली कर दी। एनबीसीसी ने टावर गिराने के लिए अनुमति मांगी। उपायुक्त ने तीन टावर गिराने की अनुमति दे दी है।