नई दिल्ली :- सड़कों पर बिना इंश्योरेंस वाले वाहनों की संख्या दिन-ब-दिन बढ़ती जा रही है, जिससे न केवल वाहन मालिकों को खतरा होता है, बल्कि सड़क दुर्घटनाओं के पीड़ितों को भी उचित मुआवजा नहीं मिल पाता। अब, इस समस्या को खत्म करने के लिए ओडिशा राज्य परिवहन प्राधिकरण (STA) ने एक नई प्रणाली लागू की है। 1 फरवरी 2025 से ओडिशा के 22 टोल गेट्स पर ई-डिटेक्शन सिस्टम लगाया जाएगा, जो बिना इंश्योरेंस वाले वाहनों की पहचान कर ऑटोमैटिक रूप से ई-चालान जारी करेगा।
कैसे काम करेगा यह ई-डिटेक्शन सिस्टम?
टोल गेट्स पर लगाए गए ई-डिटेक्शन सिस्टम वाहनों के इंश्योरेंस की वैलिड की तुरंत जांच करेंगे। अगर कोई वाहन बिना वैलिड इंश्योरेंस के पाया जाता है, तो पहली बार पकड़े जाने पर 2,000 का चालान कटेगा। अगर वही वाहन दोबारा पकड़ा जाता है, तो 4,000 का चालान लगाया जाएगा। इसके अलावा दोषी वाहन मालिक को तीन महीने तक की जेल भी हो सकती है। कुछ मामलों में दोषी को जेल और जुर्माने दोनों की सजा दी जा सकती है।
क्यों जरूरी है यह नई प्रणाली?
कई लोग अपने वाहनों का इंश्योरेंस समय पर नहीं करवाते, जिससे सड़क दुर्घटनाओं के शिकार लोगों को मुआवजा नहीं मिल पाता। ओडिशा सरकार इस नई प्रणाली के जरिए यह सुनिश्चित करना चाहती है कि सड़क पर चलने वाले सभी वाहन वैलिड इंश्योरेंस के साथ हों, ताकि किसी दुर्घटना की स्थिति में नुकसान की भरपाई की जा सके।
पहले भी लागू हो चुकी है यह तकनीक
यह पहली बार नहीं है, जब ई-डिटेक्शन प्रणाली लागू की गई है। कुछ महीने पहले बिहार सरकार ने भी राज्य के 32 टोल प्लाजाओं पर एक ऐसा ही सिस्टम लगाया था। यह प्रणाली PUC (पॉल्यूशन अंडर कंट्रोल) सर्टिफिकेट की भी जांच करती थी। बिना PUC के पाए जाने पर वाहन मालिक पर 10,000 का जुर्माना लगाया जाता था बिहार में लागू इस प्रणाली ने सिर्फ दो दिनों में 5,000 से अधिक ई-चालान जारी किए थे। सरकार ने यह भी कहा था कि भविष्य में यह प्रणाली पटना, मुजफ्फरपुर, भागलपुर और अन्य स्मार्ट शहरों में भी लागू की जाएगी। अब अगर आप बिना इंश्योरेंस के वाहन चला रहे हैं, तो सतर्क हो जाएं। ओडिशा और बिहार जैसे राज्यों में लागू की गई ई-डिटेक्शन प्रणाली जल्द ही अन्य राज्यों में भी आ सकती है। यह न केवल सड़क सुरक्षा को बेहतर बनाएगी, बल्कि सड़क दुर्घटना के मामलों में न्याय दिलाने में भी मदद करेगी।