सरसों की खरीद किसानों पर हो रही है भारी, प्रति क्विंटल 650 रुपए का नुकसान
Advertisements

सरसों की खरीद किसानों पर हो रही है भारी, प्रति क्विंटल 650 रुपए का नुकसान

Advertisements

नई दिल्ली :- कृषि मंडियों में समर्थन मूल्य पर होने वाली चना व सरसों की फसल की खरीद में हो रही देरी किसानों के लिए चिंता का सबब बन हुई है. इस बार सरकार ने करीब एक माह देरी से समर्थन मूल्य पर फसलों की खरीद शुरू करने का निर्णय लिया है. किसान 1 अप्रैल से फसलों का रजिस्ट्रेशन करवा संकेगे. वहीं 10 अप्रैल से समर्थन मूल्य पर फसलों की खरीद शुरू होगी. खरीद केंद्र पर हो रही देरी के कारण किसान फसल को बाजार में समर्थन मूल्य से कम रेट पर बेचने के लिए मजबूर हैं.

Join WhatsApp Group Join Now
Join Telegram Group Join Now

Advertisements

किसानों को चना व सरसों के समर्थन मूल्य से करीब प्रति किवंटल पर 650 की हानि हो रही है. बाजार में व्यापारी चने की फसल 5000 रुपए प्रति क्विंटल के भाव से ले रहे हैं. जबकि राज्य सरकार ने चने का समर्थन मूल्य करीब 5650 तय किया है. यही हालत सरसों की फसल का है. खुले बाजार में सरसों का भाव 5300 प्रति क्विंटल है. जबकि इस पर सरकार ने समर्थन मूल्य 5950 प्रति किवंटल तय किया है. ऐसे में समर्थन मूल्य की देरी से किसानों को सीधे 650 रुपए का नुकसान भुगतना पड़ रहा है.

See also  हरियाणा के किसानों के लिए बड़ी सौगात, इस तारीख से शुरू होगी सरसों की सरकारी खरीद

इस संबंध में जानकारी देते हुए जिले के किसान संघ समिति के प्रवक्ता महेश मैहर ने बताया कि गत वर्ष सरकार के द्वारा मार्च माह में रजिस्ट्रेशन शुरू कर समर्थन मूल्य पर सरसों व चने की फसल की खरीद को शुरू किया गया था. इस बार यह प्रक्रिया एक माह देरी से शुरू हो रही है. इस कारण कई किसान अपनी फसल को बाजार भाव पर बेचने को मजबूर हैं. उन्होंने बताया कि किसान कर्ज लेकर खेती करता है. फसल के पकने पर उसे ब्याज से लिया गया कर्ज चुकाना पड़ता है. इस बार फसल जल्दी आने के कारण फसल को बाजार में बेचने पड़ रहा है.

Advertisements
See also  नए साल पर मोदी सरकार का बड़ा फैसला, इन 5 राज्यों के किसानों की हो गई मौज

वहीं आने वाले दिनों में बड़े पैमाने पर ग्रामीण क्षेत्रों में शादी-विवाह का सीजन शुरू होने वाला है. ऐसे में किसान अपनी फसल को बेचकर फ्री होना चाहता है. इधर सरकारी केंद्र के मैनेजर क्षितिज जैन ने बताया कि 1 अप्रैल से सरकारी केंद्र पर रजिस्ट्रेशन होगा और 10 अप्रैल से सरसों-चना की खरीद होगी. उन्होंने बताया कि जिले के 11 केंद्रों पर 10 अप्रैल से फसलों की खरीद शुरू की जाएगी. सरकारी एजेंसी नेफेड द्वारा इस बार टेंडर में कुछ संशोधन किया है. जिसके कारण फसल खरीद प्रक्रिया देरी से शुरू हो रही है. 1 अप्रैल को किसान ई-मित्र पर जाकर जमाबंदी व पासबुक की एंट्री करवा कर रजिस्ट्रेशन करवा सकते हैं.

See also  आज ही आपके घर के आसपास से हटा दे ये 5 पौधे, गर्मी में इन्हे खूब पसंद करते है सांप

Leave a Comment

Your email address will not be published. Required fields are marked *

This site uses Akismet to reduce spam. Learn how your comment data is processed.

Scroll to Top