हरियाणा सरकार को चुना लगाने के लिए छह हजार लोगों के तलाक से हड़कंप, अब एक एक पर गिरेगी गाज
Advertisements

हरियाणा सरकार को चुना लगाने के लिए छह हजार लोगों के तलाक से हड़कंप, अब एक एक पर गिरेगी गाज

Advertisements

चंडीगढ़ :- गरीबी रेखा से नीचे के परिवारों को मिलने वाली सुविधाएं लेने के लिए हरियाणा में बड़े पैमाने पर फर्जीवाड़े का खुलासा हुआ है। राज्य सरकार की ओर से लागू परिवार पहचान पत्र (पीपीपी) में छेड़छाड़ कर बीपीएल श्रेणी के लिए तय वार्षिक आय 1.80 लाख रुपये से कम दिखाई जा रही है।  फर्जीवाड़े को अंजाम देने वालों के खिलाफ झज्जर पुलिस ने न्यायिक मजिस्ट्रेट प्रथम श्रेणी की कोर्ट में चालान पेश किया है। इसके अनुसार करीब छह हजार जोड़ों ने तलाक के फर्जी कागजात लगाकर पीपीपी में परिवार विभाजित करा लिया। इससे उनकी आय गरीबी रेखा के लिए निर्धारित सीमा से कम हो गई।

Join WhatsApp Group Join Now
Join Telegram Group Join Now
See also  हरियाणा के किसानों की हुई बल्ले- बल्ले , CM नायब सैनी ने किया ये बड़ा ऐलान

   
Advertisements

 

तलाक के फर्जी कागजात

चालान के मुताबिक, पीपीपी में नाम विभाजित कराने के लिए कई मामलों में पहले परिवार के सदस्य को तलाक के फर्जी कागजात लगाकर अलग किया गया। फिर दूसरे सदस्य को भी पहले किसी अन्य परिवार पहचान पत्र से जोड़ा गया। कई मामलों में तो एक परिवार के सदस्य को कई परिवार पहचान पत्रों में दिखाया गया है।

Advertisements
See also  Haryana News: हरियाणा के रेल यात्रियों के लिए खुशखबरी, फिर से शुरू होंगी ये 16 ट्रेन

अब तक पांच गिरफ्तार, 12 हजार मामलों में बदलाव

पुलिस ने 30 नवंबर, 2024 को मामले का खुलासा किया था। क्रीड के जिला प्रबंधक योगेश ने पुलिस को शिकायत दी थी कि अज्ञात लोग लॉग-इन से छेड़छाड़ कर लोगों की आय बदल रहे हैं। जांच में पता चला कि शिकायतकर्ता योगेश ने साथियों विकास और अमित के साथ मिलकर पीपीपी में बदलाव किए थे। पुलिस ने तीनों को गिरफ्तार कर लिया। जांच में दो अन्य आरोपियों गीता व सिकंदर के नाम सामने आने पर उन्हें भी गिरफ्तार किया गया। सभी आरोपी जेल में हैं। जांच में पता चला कि प्रदेश के 12 हजार परिवार पत्रों में बदलाव किया गया है।

जांच के दायरे में कई लोग

पीपीपी छेड़छाड़ केस में कई अन्य लोग भी रडार पर हैं। इनमें एसएससी संचालक के अलावा क्रीड पंचायत लेवल ऑपरेटर, लोकल कमेटी लेवल ऑपरेटर भी शामिल हैं। वहीं, परिवार पहचान पत्र के राज्य समन्वयक डॉ. सतीश खोला ने बताया कि इस खुलासे के बाद वर्चुअल प्राइवेट नेटवर्क सिस्टम लागू कर दिया गया है।

Leave a Comment

Your email address will not be published. Required fields are marked *

This site uses Akismet to reduce spam. Learn how your comment data is processed.

Scroll to Top