नई दिल्ली :- किसान साथियों और व्यापारी भाइयों यूट्यूब से लेकर सोशल मीडिया पर तथाकथित ग्वार के जानकार और बाजार विशेषज्ञ ग्वार में तेजी आएगी तेजी आएगी का राग अलापते हुए थक चुके हैं लेकिन ग्वार के भाव में तेजी दूर दूर तक नहीं दिख रही। ग्वार के बाजार में पिछले 6 महीने से विश्व स्तर पर स्लो डाउन देखा जा रहा है । इस स्लो डाउन का मुख्य कारण क्रूड तेल के बाजार पर दबाव रहना है। इसी दबाव के कारण ग्वार गम की मांग यूरोप और अमेरिका में कम हुई है। फलस्वरूप भारत का ग्वार गम एक्सपोर्ट पिछले कुछ सालों की तुलना में कम रहा है । डिमांड घटने के कारण हर बार बाजार थोड़ी सी तेजी दिखा कर फिर से बाजार नीचे की तरफ जाने लगता है। आज की रिपोर्ट में हम ग्वार के बाजार की पूरी तस्वीर आपके सामने रखने वाले हैं
ग्वार की आज की आवक
आज कुल 16,700 बोरी ग्वार की आवक रही, जिसमें नया ग्वार 11,800 बोरी और पुराना ग्वार 4,900 बोरी शामिल है। सीजन की कुल आवक नया ग्वार: 39,46,500 बोरी पुराना ग्वार: 4,22,000 बोरी, कुल ग्वार: 43,33,400 बोरी
ताजा भाव और मार्केट सेंटिमेंट
राजस्थान में हड़ताल खुलने के बाद ग्वार में कारोबार तो हुआ लेकिन बाजार तेजी आने की बजाय मंदी की तरफ चला गया। वायदा बाजार से लेकर हाजिर मंडियों में ग्वार के भाव में गिरावट देखने को मिली है । वायदा बाजार में ग्वार लगभग 60 रुपए कमजोर हुआ और ग्वार गम भी लगभग 125 रुपए टूट गया। भाव की रेंज देखें तो राजस्थान में ग्वार के भाव ₹ 4700 से ₹ 5050 के बीच रहे, हरियाणा में ₹ 4700 से ₹ 5040 और गुजरात में ₹ 4700 से ₹ 5020 तक के भाव दर्ज किए गए।
मुख्य मंडियों के भाव
नोखा ₹ 4725/5050, सूरतगढ़ ₹ 3800/5055, आदमपुर ₹ 5041, मेड़ता ₹ 4650/5010, नागौर ₹ 4500/5010, जैतसर ₹ 4951/5015, श्रीगंगानगर ₹ 4150/5011, नोहर ₹ 4900/5025, रायसिंहनगर ₹ 4900/5000, बीकानेर ₹ 4900/5001, सिरसा ₹ 4400/4985, रावतसर ₹ 4200/4970, ऐलनाबाद ₹ 4500/4900, श्रीमाधोपुर (नया) ₹ 4850/4900 (पुराना) ₹ 4500/4750, भट्टू ₹ 4802, संगरिया ₹ 4305/4825, देवली ₹ 4100/4500, पिपरिया ₹ 4500/4896, अनूपगढ़ ₹ 4700/4933, गजसिंहपुर ₹ 4561/4956, जोधपुर ₹ 4700/4900।
राजस्थान में हड़ताल और फसल पर असर
राजस्थान में पिछले सप्ताह हड़ताल के कारण कृषि मंडियां बंद रहीं। राजस्थान खाद्य पदार्थ संघ के आह्वान पर कृषि कल्याण कोष पर टैक्स कम करने और 3-4 जिंसों पर आढ़त बढ़ाने की मांग को लेकर यह हड़ताल की गई, लेकिन इसका कोई ठोस असर नहीं हुआ।
तेजी-मंदी का रुझान
साथियों ग्वार के बाजार में सबसे ज्यादा उतार चढ़ाव फसल का उत्पादन अनुमान गलत होने के करण होता है। इस साल भी शुरुआत में ग्वार का उत्पादन 60 से 70 लाख बोरी रहने की बात कही जा रही थी लेकिन अब चर्चा है कि यह आंकड़ा 90 लाख से 1 करोड़ बोरी तक पहुंच सकता है। उत्पादन ज्यादा होने के कारण ग्वार की सप्लाई लगातार बनी हुई है और स्टॉकिस्ट की डिमांड में कमजोरी बनी हुई है। सरकार द्वारा भी ग्वार के किसानो और व्यापारियों के लिए नीतिगत स्तर पर कुछ नहीं किया जा रहा है। ग्वार के भाव का ना बढ़ने का एक बड़ा कारण यह भी है कि ग्वार अधिकतर भारत में ही पैदा होता है इसलिए अन्य देशों ने ग्वार गम के वैकल्पिक साधन ढूंढ लिए हैं जीके कारण इसकी डिमांड को झटका लगा है। अगर पॉजिटिव में देखा जाए तो फरवरी के ग्वार गम एक्सपोर्ट का आंकड़ा 30,400 टन के ठीक ठाक स्तर के आसपास रहने की संभावना है। वायदा बाजार में निरंतर गिरावट और हेजर्स की बिकवाली के चलते बाजार पर मंदी का दबाव जरूर नजर आ रहा है। लेकिन जिन निचले स्तरों पर भाव चल रहे हैं यहां से बाजार सम्भल जाना चाहिए। ग्वार की आवक अगर घटती है तो उपर में 5350 तक के भाव ग्वार सीड में और 10800 के भाव ग्वार गम में वायदा बाजार में दिख सकते हैं। व्यापार अपने विवेक से करें।