चंडीगढ़ :- हरियाणा के मुख्यमंत्री नायब सिंह सैनी ने कहा कि किसान हित सरकार की नीतियों के केन्द्र में है। सरकार किसानों की सभी फसलों की एमएसपी पर खरीद कर रही है। 2021-22 साल से लेकर अब तक सरकार द्वारा एमएसपी पर खरीद किये गये खाद्यान्नों की 1 लाख 25 हजार करोड़ रुपये की राशि किसानों के बैंक खातों में सीधे डाली जा चुकी है।
नायब सिंह सैनी ने विपक्ष पर निशाना साधते हुए कहा कि विपक्ष के नेता एमएसपी के नाम पर किसानों को झूठ बोलकर बरगलाने का काम कर रहा है। जबकि वर्ष 2014 में कांग्रेस के शासनकाल में 30 लाख 7 हजार मीट्रिक टन धान की खरीद की गई थी। जबकि, वर्ष 2024-25 में 53.99 लाख मीट्रिक टन धान की खरीद की गई है। इससे स्पष्ट है कि हम लगभग दो गुणा अधिक धान की सरकारी खरीद कर रहे हैं। वर्ष 2014 में कॉमन धान का एम.एस.पी 1,310 रुपये प्रति क्विंटल था, जो अब ग्रेड-ए का 2,320 रुपये प्रति क्विंटल और कॉमन धान का 2,300 रुपये प्रति क्विंटल है। उन्होंने कहा कि सरकार ने किसानों के हित में तकनीकी सुधार करके समय और भ्रष्टाचार को कम किया है। यदि कहीं ज्यादा बिल काट कर कम पैसे दिये जाने की शिकायत है, तो सरकार को बतायें, हम कड़ी कार्रवाई करेंगे।
मुख्यमंत्री ने कहा कि फसल बिजाई सीजन में सरकार द्वारा यूरिया की पूरी व्यवस्था की जाती है। रबी सीजन 2024-25 के लिए राज्य में 14 लाख 26 हजार मीट्रिक टन यूरिया खाद उपलब्ध कराया गया है, जिसमें से अभी तक 12 लाख 23 हजार मीट्रिक टन की खपत हो चुकी है। पिछले रबी सीजन के दौरान यूरिया की बिक्री 11 लाख 6 हजार मीट्रिक टन थी। वर्तमान में, राज्य में 2 लाख 2 हजार मीट्रिक टन यूरिया अभी भी उपलब्ध है। आगामी सीजन में भी किसानों को यूरिया व डीएपी खाद की कमी का सामना नहीं करना पड़ेगा। मुख्यमंत्री ने कटाक्ष करते हुए कहा कि आज जब किसान, मजदूर ने कांग्रेस को नकार दिया है, तो कांग्रेस के नेताओं को किसानों के हित याद आ रहे हैं। देश में कांग्रेस की सत्ता साढ़े 5 दशकों तक रही है। अगर इस पार्टी ने किसान हित की सोची होती, मजदूर हित की सोची होती, तो आज इन्हें ये दिन देखने न पड़ते।
उन्होंने कहा कि किसानों ने अपनी मेहनत से देश को खाद्यान्नों के मामले में न केवल आत्मनिर्भर बनाया, बल्कि निर्यात की स्थिति तक पहुंचाया है। लेकिन कांग्रेस ने बदले में किसान को कर्ज के मकड़ जाल में फंसा दिया था। जबकि वर्तमान केंद्र व राज्य सरकार ने किसान के कर्ज भार को कम करने के लिए एकमुश्त निपटान योजनाएं शुरू की, इससे किसानों को बड़ी राहत मिली है। मुख्यमंत्री ने कहा कि उन्होंने घोषणा की थी कि बेसहारा गौवंश के पुनर्वास के लिए 200 गौशालाओं को शैड बनाने के लिए 10 लाख रुपये प्रति गौशाला अनुदान दिया जाएगा। ऐसी 50 गौशालाओं में शैड बनाए जा चुके हैं। उन्होंने कहा कि वर्ष 2014 तक हरियाणा में 215 पंजीकृत गौशालाओं में केवल 1 लाख 74 हजार गौवंश था। लेकिन, इस समय राज्य में 683 पंजीकृत गौशालाएं हैं। इनमें 4 लाख 50 हजार बेसहारा गौवंश का पालन-पोषण हो रहा है।
उन्होंने कहा कि वर्ष 2014-15 में हरियाणा गौसेवा आयोग के लिए केवल 2 करोड़ रुपये का बजट था। इस साल कुल बजट 450 करोड़ रुपये कर दिया गया। उन्होंने कहा कि सरकार ने पंजीकृत गौशालाओं को पिछले 10 वर्षों में चारे के लिए लगभग 336 करोड़ रुपये का अनुदान दिया है। गत जनवरी माह में गौशालाओं के लिए 216.25 करोड़ रुपये की चारा अनुदान राशि की स्वीकृति जारी की है। इसके अलावा, लगभग 350 शैड व चारा गोदाम के निर्माण के लिए 30 करोड़ रुपये की अनुदान राशि दी गई है।