Haryana Government Jobs:- हरियाणा सरकार ने प्रथम और द्वितीय श्रेणी की सरकारी नौकरियों में आधार कार्ड को अनिवार्य कर दिया है। यह कदम भर्ती प्रक्रिया में धोखाधड़ी और फर्जीवाड़े को रोकने के लिए उठाया गया है। इसके अलावा सरकारी कर्मचारियों और सेवानिवृत्त कर्मचारियों का डेटा मानव संसाधन प्रबंधन प्रणाली (एचआरएमएस) पोर्टल पर एकत्र किया जाएगा। इस बाबत प्रस्ताव जारी कर दिया गया है। हरियाणा में अब प्रथम और द्वितीय श्रेणी नौकरियों में आधार अनिवार्य होगा। भर्तियों में फर्जीवाड़ा व धोखाधड़ी को रोकने के लिए प्रदेश सरकार ने यह सख्त कदम उठाया है। इसके साथ ही सरकारी सेवा में कार्यरत कर्मियों व सेवानिवृत कर्मियों का डाटा मानव संसाधन प्रबंधन प्रणाली (एचआरएमएस) पोर्टल पर जुटाया जाएगा।
मंत्रिमंडल में प्रस्ताव पर लगी मुहर
शनिवार को मंत्रिमंडल की बैठक में ग्रुप-ए व बी की भर्तियों में आवेदन के दौरान आधार कार्ड प्रमाणीकरण के प्रस्ताव को मंजूरी दे दी गई। मुख्यमंत्री नायब सैनी ने बैठक के बाद मीडिया से बातचीत में कहा कि प्रथम और द्वितीय श्रेणी भर्तियों में आवेदन के दौरान अभ्यर्थियों द्वारा आधार कार्ड अपलोड करने से हरियाणा लोक सेवा आयोग के पास आवेदनकर्ताओं का सटीक डाटा होगा।यह कदम धोखाधड़ी व फर्जीवाड़े पर भी अंकुश लगाने में आयोग के लिए मददगार साबित होगा। इससे भर्तियों की विश्वसनीयता बढ़ेगी और जनता का प्रतियोगी परीक्षाओं पर विश्वास भी बढ़ेगा।
एचआरएमएस पोर्टल पर दर्ज होगा रिकॉर्ड
मुख्यमंत्री ने बताया कि मानव संसाधन विभाग के पास राजकीय सेवाओं में कार्यरत कर्मियों और सेवानिवृत कर्मियों का पूरा डाटा होगा। एचआरएमएस पोर्टल पर कर्मियों की सेवा का पूरा रिकॉर्ड होगा। इसी के आधार पर कर्मियों के हित में आगामी फैसले लिए जाएंगे। एचआरएमएस पोर्टल पर पहले यह डाटा था कि प्रदेश में कितने कर्मचारी कार्यरत हैं, लेकिन कितने सेवानिवृत हो चुके हैं, इसका डाटा नहीं था।अब कर्मियों की सेवा का रिकॉर्ड एक जगह एकत्रित होगा। एचआरएमएस पोर्टल पर सेवानिवृत होने के बाद खाली पदों को भी दर्शाया जाएगा। इसके बाद पदों को भरने के लिए हरियाणा कर्मचारी चयन आयोग तथा हरियाणा लोक सेवा आयोग को भर्ती की सिफारिश भेजी जाएगी।
दीन दयाल योजना से आम नागरिकों का भला
वहीं मुख्यमंत्री नायब सिंह सैनी ने दीन दयाल उपाध्याय अंत्योदय परिवार सुरक्षा योजना (दयालु-वन) के अंतर्गत 3,882 लाभार्थियों के बैंक खातों में 144.73 करोड़ रुपये की राशि जारी की है। अंत्योदय परिवारों को सामाजिक-वित्तीय सुरक्षा प्रदान करने के उद्देश्य से शुरू की गई इस योजना का उद्देश्य परिवार के किसी सदस्य की मृत्यु या स्थायी विकलांगता के कारण वित्तीय कठिनाइयों का सामना कर रहे लोगों को सहायता प्रदान करना है।