नई दिल्ली :- रेलवे 45 साल से ज्यादा उम्र की महिलाओं को ये कोट मिलता है. हालांकि, प्रेगनेंट महिला के केस में उम्र की पाबंदी नहीं है. जिन ट्रेनों में लेडीज कोटे के तहत 6 या उससे ज्यादा सीट होती है, उनमें उम्र की पाबंदी नहीं रहती है.
HO: हाई ऑफिशल या हेडक्वॉर्टर कोटा
रेल अधिकारी, ब्यूरोक्रेटस, हाई रैंक ऑफिसर्स और अन्य VIPs को इस कोटे के तहत यात्रा की छूट होती है. हालांकि, यह कोटा पहले आओ, पहले पाओ और सीनियरटी के आधार पर मिलता है.
आर्मी (नेवी, एयरफोर्स और थल सेना) सीआरपीएफ जैसी कोई भी स्पेशल फोर्स या भारतीय डिफेंस सर्विसेज के वर्तमान या रिटायर्ड कर्मचारियों को यह कोटा मिलता है.
PH: पार्लियामेंट हाउस कोटा
पार्लियामेंट सदस्यों को यह कोटा मिलता है. केंद्र या राज्य सरकारों के मंत्री. सुप्रीम कोर्ट और हाई कोर्ट के जज और विधायक भी इस कोटे में सफर कर सकते हैं.
FT: फॉरेन टूरिस्ट कोटा
विदेशों से आए लोगों को यह कोटा दिया जाता है.
सिर्फ ऑफिशियल काम के लिए ट्रैवल करने वाले रेलवे कर्मचारियों को यह कोटा मिलता है. इसमें क्लासवाइज 1AC, एक्जीक्यूटिव क्लास चेयर कार, 2AC, 3AC, चेयरकार, स्लीपर, और सेकंड स्लीपर में क्रमश: 4, 4, 6, 16, 4, 20 और 20 सीटें इस कोटे के तहत अधिकतर ट्रेनों में होती हैं.
SS: सीनियर सिटीजन कोटा
सीनियर सिटीजन कोटा (Senior Citizen Quota) 60 साल से ऊपर के पुरुष या 58 साल से ऊपर की महिला यात्री को दिया जाता है.
40% या उससे ज्यादा प्रतिशत वाले फिजिकली हैंडिकैप यात्रियों को यह कोटा दिया जाता है. इस कोटे के तहत ट्रेनों में प्रति कोच न्यूनतम 2 सीट हैंडिकैप्स के लिए होती है. इस कोटे में टिकट कराने पर 75 फीसदी तक कम किराया लगता है.
RE: रेल एम्प्लाई या प्रिविलेज कोटा
रेल कर्मचारियों और उनके परिवार को नॉन ऑफिशियल यात्रा के लिए.
RS: रोड साइड या रिमोट लोकेशन कोटा
बड़े स्टेशनों के बीच जो स्टेशन कंप्यूटराइज्ड नेटवर्क (पैसेंजर्स रिजर्वेशन सिस्टम) से न जुडे़ हों वहां इस कोटे में रिजर्वेशन होता है. अधिकतर एक्सप्रेस और मेल ट्रेनों में इस कोटे के तहत अलग से सीटें रहती हैं.