नई दिल्ली :- अगर आप भी उत्तराखंड जाने का प्लान कर रहे हैं या फिर छुट्टियों में अक्सर नैनीताल या मसूरी जाते रहते हैं तो यह खबर आपके काम की है. जी हां, उत्तराखंड सरकार जल्द ही राज्य के बाहर के वाहनों पर ग्रीन सेस (green cess) लगाएगी. इस मामले से जुड़े एक अधिकारी ने इस बारे में जानकारी दी. उन्होंने बताया कि ग्रीन सेस की यह राशि 20 रुपये से 80 रुपये के बीच होगी. यह चार्ज कमर्शियल और प्राइवेट दोनों तरह के वाहनों पर लागू होगा.
इन वाहनों को छूट
अधिकारी ने बताया कि टू-व्हीलर, इलेक्ट्रिक और सीएनजी व्हीकल, उत्तराखंड में रजिस्टर्ड व्हीकल, एंबुलेंस और दमकल जैसी जरूरी सर्विस में लगे वाहनों को छूट प्राप्त होगी. ज्वाइंट कमिश्नर (ट्रांसपोर्ट) सनत कुमार सिंह ने बताया कि सेस लगाने के सिस्टम को लागू करने के लिए टेंडर प्रोसेस शुरू कर दिया गया है. उन्होंने बताया कि ‘हमारा टारगेट दिसंबर के अंत तक इस सिस्टम को चालू करने का है.’ उन्होंने बताया कि ऑटोमेटिक नंबर प्लेट रिकॉग्निशन कैमरे उत्तराखंड के बाहर रजिस्टर्ड वाहनों की पहचान करेंगे और पैसा सीधे वाहन मालिकों के FASTag वॉलेट से काट लिया जाएगा.
किस वाहन पर कितना चार्ज लगेगा?
संयुक्त आयुक्त ने बताया कि थ्री व्हीलर के वाहनों से 20 रुपये, फोर व्हीलर से 40 रुपये, मिड साइज व्हीकल जैसे छोटे ट्रक आदि से 60 रुपये और हेवी व्हीकल से 80 रुपये का शुल्क लिया जाएगा. अधिकारी ने बताया कि ग्रीन सेस एक दिन की एंट्री के बेस पर लिया जाएगा, लेकिन वाहन मालिकों के पास लॉन्ग टर्म पास लेने का भी ऑप्शन होगा. उदाहरण के लिए तिमाही पास के लिए रोजाना लगने वाले चार्ज का 20 गुना और सालाना पास के लिए 60 गुना फीस देनी होगी.
उत्तराखंड जाने वालों के लिए क्या बदलेगा?
अभी जब आप दिल्ली, यूपी या अन्य किसी राज्य से उत्तराखंड जाते हैं तो आपको रास्ते में हाइवे पर पड़ने वाला टोल टैक्स देना होता है. लेकिन अब नया सिस्टम शुरू होने के बाद उत्तराखंड राज्य के बॉर्डर से जुड़े इलाकों में ऑटोमेटिक नंबर प्लेट रिकॉग्निशन कैमरे लगाएं जाएंगे. ये कैमरे बाहरी वाहनों की पहचान करके फास्टैग से निर्धारित ग्रीन सेस काट लेंगे. इससे आपकी यात्रा महंगी हो जाएंगी. दिसंबर से इस सिस्टम को शुरू किये जाने का सबसे ज्यादा असर न्यू ईयर पर उत्तराखंड के अलग-अलग हिस्सों में जाने वाले वाहनों पर पड़ेगा.