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नई दिल्ली :- येलो इन के बाद दिल्ली मेट्रो रेल निगम (डीएमआरसी) ने अब वायलेट, रेड व व ग्रीन लाइन पर भी मेट्रो का परिचालन निजी हाथों में सौंपने की तैयारी पूरी कर ली है। इसके तहत डीएमआरसी ने दो निजी एजेंसियों को नियुक्त किया है, जो यलो लाइन के अलावा वायलेट लाइन, रेड लाइन व ग्रीन लाइन इन तीन कॉरिडोर पर भी मेट्रो परिचालन की जिम्मेदारी संभालेंगी।
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निजी एजेंसियों के हाथों में होगी जिम्मेदारी
इन दोनों निजी एजेंसियों द्वारा नियुक्त चालक जल्द मेट्रो परिचालन की कमान संभाल लेंगे। इससे दिल्ली मेट्रो के चार कॉरिडोर व 158.68 किलोमीटर नेटवर्क पर मेट्रो परिचालन की जिम्मेदारी निजी एजेंसियों के हाथों में होगी। मेट्रो परिचालन का खर्च कम करने के लिए डीएमआरसी ने करीब चार वर्ष पहले यलो लाइन (समयपुर बादली-मिलेनियम सिटी सेंटर गुरुग्राम) की मेट्रो से स्थायी ट्रेन ऑपरेटरों को हटाकर आउटसोर्सिंग के आधार पर निजी एजेंसी की सेवाएं लेने की पहल की थी। तब से अभी तक सिर्फ यलो लाइन पर ही निजी एजेंसी द्वारा नियुक्त कर्मचारी मेट्रो का परिचालन करते हैं। इसके टेंडर की अवधि भी इस माह खत्म होने को है।
मेट्रो चलाने के लिए 600 कर्मचारियों की होगी तैनात
डीएमआरसी का कहना है कि यलो व वायलेट लाइन पर मेट्रो परिचालन के आउटसोर्सिंग के लिए जेएमडी कंसल्टेंट नामक एजेंसी को टेंडर आवंटित किया गया है, जो मेट्रो परिचालन के लिए 600 कर्मचारी तैनात करेगी। जिसमें चालक, ट्रेन अधीक्षक व प्रबंधक शामिल होंगे। इस एजेंसी द्वारा नियुक्त 52 कर्मचारियों का अभी डीएमआरसी के एकेडमी में प्रशिक्षण चल रहा है।
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अभी 26 कर्मचारियों का चल रहा प्रशिक्षण
इस माह के अंत तक निजी एजेंसी द्वारा नियुक्त कर्मचारी यलो व वायलेट लाइन की मेट्रो में तैनात हो जाएंगे। रेड व ग्रीन लाइन पर मेट्रो परिचालन के आउटसोर्सिंग के लिए न्यूविजन कमर्शियल और एस्कार्ट सर्विसेज नामक एक एजेंसी नियुक्त की गई है। यह एजेंसी रेड व ग्रीन लाइन पर मेट्रो परिचालन के लिए चालक सहित करीब 350 कर्मचारियों को नियुक्त करेगी। जिसमें से अभी 26 कर्मचारियों का प्रशिक्षण चल रहा है। अगले वर्ष फरवरी से इस एजेंसी द्वारा नियुक्त चालक रेड व ग्रीन लाइन पर चरणबद्ध तरीके से मेट्रो परिचालन की जिम्मेदारी संभाल लेंगे। लेकिन डीएमआरसी ट्रेनों के परिचालन की निगरानी जारी रखेगा। इसके अलावा वायलेट, रेड व ग्रीन लाइन की मेट्रो में वर्तमान समय में तैनात ट्रेन ऑपरेटरों से तकनीकी कार्य लिए जाऐंगे।मेट्रो में तकनीकी समस्याओं के समाधान, इमरजेंसी की स्थिति में बचाव कार्य व निजी कर्मचारियों की काउंसलिंग के कार्य में ड्यूटी लगाई जाएगी। इसके अलावा वे फेज चार की मेट्रो में भी वे नियुक्त किए जाएंगे।