नई दिल्ली, PM Awas Yojana :- ग्रामीण के दूसरे चरण में सरकार बड़े बदलाव की तैयारी में है। खबर है कि केंद्र यह सुनिश्चित करने में जुटा हुआ है कि घर का मालिक सिर्फ महिला सदस्य ही हो। फिलहाल, इसे लेकर आधिकारिक तौर पर सरकार की ओर से कुछ नहीं कहा गया है। प्रधानमंत्री आवास योजना की शुरुआत साल 2016 में प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी ने की थी। टाइम्स ऑफ इंडिया की रिपोर्ट के अनुसार, एक वरिष्ठ अधिकारी ने बताया है कि महिलाओं पर विशेष ध्यान देने के चलते योजना में स्वीकृत 74 प्रतिशत घरों का स्वामित्व अकेली महिलाओं या संयुक्त रूप से महिलाओं के पास है। अखबार से बातचीत में उन्होंने कहा, ‘दूसरे चरण का उद्देश्य महिलाओं को 100 फीसदी स्वामित्व प्रदान करना है।’ खास बात है कि पीएम आवास योजना ग्रामीण में दो विकल्प हैं, जिनमें महिलाओं को स्वामित्व या संयुक्त स्वामित्व शामिल हैं। घरों के रजिस्ट्रेशन में सिर्फ पुरुषों को अधिकार देने का विकल्प नहीं है।
शुरू हो रहा है सर्वे
खबर है कि केंद्रीय ग्रामीण विकास मंत्रालय नया सर्वे Awas-Plus 2024 शुरू करने जा रहा है, ताकि दूसरे चरण के लाभार्थियों की पहचान की जा सके। इसमें सेल्फ सर्वे का भी प्रावधान होगा। इसकी मदद से घर के सदस्यों की शिकायत को दूर करना है कि सर्वे करने वालों ने उन्हें छोड़ दिया है।
चेहरे की होगी पहचान
पीएमएवाई-जी के तहत अतिरिक्त दो करोड़ आवास के निर्माण को मंजूरी दिए जाने के बाद अब अद्यतन मानदंडों के अनुसार सर्वेक्षण किया जाएगा और लाभार्थियों की एक नई सूची बनाई जाएगी, जिससे पहली बार इस योजना में नामांकन के इच्छुक लोगों को ‘स्व-सर्वेक्षण’ की अनुमति मिलेगी। ग्रामीण विकास मंत्रालय के एक सूत्र के अनुसार, पारदर्शिता बनाए रखने के लिए पहली बार सर्वेक्षणकर्ताओं और सर्वेक्षण किए जाने वाले लोगों, दोनों के लिए ‘चेहरे की पहचान’ तकनीक का उपयोग किया जाएगा। ग्रामीण विकास मंत्रालय के अनुसार, योजना की शुरूआत के बाद से पीएमएवाई-जी के तहत 2.67 करोड़ आवास का निर्माण किया गया है, जबकि इंदिरा गांधी आवास योजना के तहत लंबित लगभग 77 लाख आवास का निर्माण भी पूरा हो चुका है। आधिकारिक सूत्र ने कहा कि इस बार, योजना के लिए पात्रता के मानदंडों में ढील दी गई है तथा कुछ सीमाएं हटा दी गई हैं। सूत्र ने कहा कि ‘आवास प्लस ऐप’ के माध्यम से नए सर्वेक्षण किए जाएंगे।