नई दिल्ली :- दिल्ली में पारा गिरने के साथ हवा में जहर भी घुलने लगा है। वायु गुणवत्ता प्रबंधन आयोग ने पलूशन को रोकने के लिए दिल्ली एनसीआर में ग्रैप-3 लागू कर दिया है। ताकि बिगड़ते हालात को कंट्रोल किया जा सके। शांत हवाओं और बहुत कम मिक्सिंग हाइट सहित अत्यधिक प्रतिकूल मौसम संबंधी स्थितियों को ध्यान में रखते हुए यह निर्णय लिया गया है। इस समय दिल्ली का AQI ‘बहुत खराब’ श्रेणी के उच्च स्तर पर पहुंच गया है।
दोपहर 2 बजे दिल्ली का AQI 367 रहा। प्रतिकूल मौसमी परिस्थितियों के कारण खराब वायु गुणवत्ता अक्सर नवंबर से जनवरी तक बनी रहती है। इसलिए इसे रोकने के लिए ग्रैप-3 को लागू कर दिया गया है। इस चरण के लागू होते ही शहर में बढ़ते पलूशन को रोकने के लिए कुछ पाबंदियां भी लगाई गई हैं। जैसे डीजल मालवाहक वाहनों की आवाजाही प्रतिबंधित कर दी गई है। निर्माण और खुदाई से जुड़े कामों पर भी रोक लगाई गई है ताकि धूल, धुआं को फैलने से कम किया जा सके। दिल्ली, गुरुग्राम, फरीदाबाद, गाजियाबाद और गौतमबुद्ध नगर में स्कूलों को अनिवार्य रूप से ग्रैप-3 के तहत पांचवी कक्षा तक की पढ़ाई हाइब्रिड मोड में चलाई जाएगी। विद्यार्थियों और अभिभावकों के पास जहां भी ऑनलाइन विकल्प उपलब्ध होगा, उसे चुनने की छूट होगी।
ग्रैप के तीसरे चरण के तहत दिल्ली में बीएस-4 या उससे पुराने मानकों वाले गैर-जरूरी डीजल से चलने वाले मध्यम आकार के मालवाहक वाहनों पर भी प्रतिबंध लगाया गया है। दिल्ली के बाहर पंजीकृत बीएस-4 या उससे पुराने मानकों वाले गैर-जरूरी डीजल हल्के वाणिज्यिक वाहनों को भी शहर में प्रवेश की अनुमति नहीं है। पहले ऐसे प्रतिबंध केवल बीएस-3 वाहनों पर ही लागू होते थे। हालांकि इन वाहनों के प्रयोग पर भी कुछ लोगों को छूट दी गई है। दिल्ली और गुरुग्राम, फरीदाबाद, गाजियाबाद और गौतमबुद्ध नगर जिलों में जीआरएपी-3 तहत बीएस-3 पेट्रोल और बीएस-4 डीजल कारों पर लगाए गए प्रतिबंधों से दिव्यांगों को छूट दी गई है।
पेंटिंग, पॉलिशिंग और वार्निशिंग से जुड़े कामों पर भी रोक लगी रहेगी। सड़क किनारे चल रहे रिपेयरिंग और कंस्ट्रक्शन वर्क भी रोक दिए जाएंगे। धूल पैदा करने वाले किसी भी तरह के सामान की लोडिंग-अनलोडिंग को रोक दिया गया है। इस दौरान मशीनों की मदद से सफाई करने में तेजी लाई जाएगी। बढ़े हुए ट्रैफिक के दौरान सड़कों पर पानी की फुआरें डाली जाएंगी, ताकि धूल को कंट्रोल किया जा सके। लोगों से सार्वजनिक वाहनों के इस्तेमाल करने पर जोर दिया जाएगा, ताकि निजी वाहनो के प्रयोग को कम करके पलूशन में सुधार लाया जा सके।