Ration Card News: फ्री राशन लेले वालो को बड़ा झटका, इस राज्य में रातोंरात रद्द कर दिए गए 1.27 लाख राशन कार्ड
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Ration Card News: फ्री राशन लेले वालो को बड़ा झटका, इस राज्य में रातोंरात रद्द कर दिए गए 1.27 लाख राशन कार्ड

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नई दिल्ली :-  भारत सरकार ने 2013 से लेकर अब तक जम्मू-कश्मीर में 1,27,872 फर्जी और डुप्लिकेट राशन कार्ड रद्द कर दिए हैं. इसके अलावा, लद्दाख में 702 राशन कार्ड रद्द किए गए हैं. यह कदम सार्वजनिक वितरण प्रणाली (PDS) की पारदर्शिता बढ़ाने और खाद्य सब्सिडी को सही लाभार्थियों तक पहुंचाने के उद्देश्य से उठाया गया है. सरकार का यह पहल देशभर में डिजिटलीकरण, आधार लिंकिंग और ई-केवाईसी वेरिफिकेशन के ज़रिए अयोग्य लाभार्थियों को खत्म करने के अभियान का हिस्सा है.  राज्य सभा में एक प्रश्न का उत्तर देते हुए, उपभोक्ता मामले, खाद्य और सार्वजनिक वितरण राज्य मंत्री निमूबेन जयंतीभाई बंभानिया ने बताया कि 2013 से 2024 तक देश भर में 5.87 करोड़ राशन कार्ड रद्द किए गए हैं. इसमें उत्तर प्रदेश में 1,93,54,572 रद्दीकरण शामिल हैं, जो सभी राज्यों में सबसे अधिक है, और मिजोरम में 12,578, जो सबसे कम है.

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दिल्ली में 3,27,297 रद्दीकरण

केंद्र शासित प्रदेशों में, दिल्ली 3,27,297 रद्दीकरण के साथ सबसे आगे है, जबकि लद्दाख में सबसे कम 702 रद्दीकरण हैं. इन कार्रवाइयों का उद्देश्य खाद्य सब्सिडी के लीकेज को कम करना और सही लाभार्थियों को अनाज की डिलीवरी में सुधार करना है.

जम्मू-कश्मीर में आधार सीडिंग हुआ 100%


जम्मू-कश्मीर में राशन कार्डों की आधार सीडिंग लगभग 100% हो गई है, जिससे स्थायी प्रवास, डुप्लिकेट प्रविष्टियों और मृत्यु जैसे कारणों से अयोग्य रिकॉर्ड की पहचान करना संभव हो गया है. देश भर में, प्रधानमंत्री गरीब कल्याण अन्न योजना (पीएमजीकेएवाई) के तहत 65 प्रतिशत लाभार्थियों ने ई-केवाईसी वेरिफिकेशन पूरा कर लिया है. सरकार जम्मू-कश्मीर सहित राज्यों और केंद्र शासित प्रदेशों से इस प्रक्रिया में तेजी लाने का आग्रह कर रही है, ताकि पीएमजीकेएवाई (PMGKAY) के तहत वर्तमान में लाभान्वित 80.67 करोड़ लोगों को मुफ्त खाद्यान्न का वितरण सुचारू रूप से किया जा सके.  सरकार एकीकृत बाल विकास सेवा (आईसीडीएस) और पीएम पोषण जैसी योजनाओं के तहत फोर्टिफाइड चावल की शुरुआत के माध्यम से खाद्य सुरक्षा को भी प्राथमिकता दे रही है. जम्मू और कश्मीर ने इस पहल को पूरी तरह से लागू किया है, जिससे यह सुनिश्चित हुआ है कि पब्लिक डिस्ट्रीब्यूशन सिस्टम के तहत फोर्टिफाइड चावल सभी जिलों तक पहुंचे.

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