नई दिल्ली :- भारत एक घनी आबादी वाला देश है. जनसंख्या के हिसाब से हम चीन जैसे बड़े देश को पीछे छोड़कर दुनिया के सबसे ज्यादा आबादी वाले देश बन गए हैं. यही वजह है कि इतनी बड़ी संख्या में लोगों का भरण-पोषण एक बहुत बड़ा काम है. इस क्रम में भारत सरकार गरीब और जरूरतमंद परिवारों को राशन कार्ड उपलब्ध कराती है. ताकि उनको बहुत कम दरों में राशन मिलता रहे. इसके साथ भारत में राशन कार्ड एक जरूरी दस्तावेज भी है. राशन कार्ड देश में 80 करोड़ लोगों को सस्ती दरों पर खाद्दान और आवश्यक सामग्री उपलब्ध कराने में मदद करता है. लेकिन राशन कार्ड योजना का लाभ उचित लोगों को ही मिले, इसके लिए सरकार ने सभी राशन कार्ड धारकों के लिए ई-केवाईसी प्रक्रिया को अनिवार्य कर दिया है. इन नई व्यवस्था के पीछे सरकार का मकसद राशन वितरण प्रणाली में सुधार करना है.
ई-केवाईसी पूरा करने के लिए 31 दिसंबर 2024 डेल लाइन दी
इस क्रम में सरकार ने राशन कार्ड धारकों को ई-केवाईसी पूरा करने के लिए 31 दिसंबर 2024 डेल लाइन दी है. 31 दिसंबर से पहले अगर कोई राशन कार्ड धारक ई-केवाईसी नहीं कराता तो राशन कार्ड की लिस्ट से उसका नाम काट दिया जाएगा. एक रिपोर्ट के अनुसार राशन कार्ड स्कीम में सबसे ज्यादा फर्जीवाड़े के केस उत्तर प्रदेश, हिमाचल प्रदेश और झारखंड जैसे राज्यों में मिले हैं. सरकार के इस कदम से राशन वितरण प्रणाली में हो रही फर्जीवाड़े पर लगाम लग सकेगी. दरअसल, ई-केवाईसी का लक्ष्य यह सुनिश्चित करना है कि राशन कार्ड स्कीम का लाभ केवल लाभार्थियों को तक ही पहुंचे और अपात्र लोगों को इसका लाभ न मिल सके. ई-केवाईसी के दौरान राशन कार्ड धारक को एक सत्यापन प्रक्रिया से गुजरना होता है, जिसके तहत प्रत्येक सदस्य की पर्सनल जानकारी (नाम, जन्म तिथि, आधार कार्ड से लिंक मोबाइल नंबर) आदि सत्यापित किए जाते हैं.
फ्री राशन कार्ड रह जाएंगे वंचित
ई-केवाईसी की प्रक्रिया में बायोमेट्रिक सत्यापन और नवीनतम तस्वीर अपलोड करना आदि शामिल हैं. आपकी जानकारी के लिए बता दें कि जो लोग समय पर ई-केवाईसी नहीं करवाते, भविष्य में सरकार उन लोगों को राशन कार्ड को बंद कर सकती है. इसके अलावा उनको फ्री के राशन से वंचित रखा जा सकता है या फिर उनके राशन कार्ड को अस्थाई रूप से सस्पेंड किया जा सकता है. यहां तक कि राशन कार्ड के लिए कुछ लोगों को फिर से आवेदन करना पड़ सकता है.