नई दिल्ली:- देश में घर बनाना आसान और किफायती हो गया है. दरअसल, ब्रोकरेज फर्म यस सिक्योरिटीज (Yes Securities) की एक रिपोर्ट के मुताबिक, कड़ी कंपीटिशन की वजह से सीमेंट की कीमतें 5 साल के निचले स्तर पर पहुंच गई हैं. रिपोर्ट में बताया गया है कि हाल के तिमाहियों में कीमतें बढ़ाने के प्रयासों के बावजूद कमजोर मांग के कारण ये बढ़ोतरी वापस लेनी पड़ी.
कंपनी ने कहा, ”कड़ी कंपीटिशन के कारण सीमेंट की कीमतें कमजोर हो गई हैं और फिलहाल सीमेंट की कीमतें 5 साल के लो पर पहुंच गई हैं. निकट भविष्य में. हम किसी बड़ी कीमत बढ़ोतरी की उम्मीद नहीं कर रहे हैं. बल्कि हम कीमतों के स्थिर रहने की संभावना देख रहे हैं जब तक कि स्थिति सामान्य नहीं हो जाती.”
सीमेंट मैन्युफैक्चरर के बीच कड़ी कंपीटिशन
रिपोर्ट में यह भी कहा गया है कि सीमेंट मैन्युफैक्चरर के बीच कड़ी कंपीटिशन के कारण कीमतों पर दबाव बना हुआ है, जिससे इंडस्ट्री कीमतें बढ़ाने में असमर्थ है. रिपोर्ट में कहा गया है कि यह स्थिति निकट भविष्य में भी बनी रहेगी और मांग में सुधार होने तक कीमतों में कोई खास बढ़ोतरी की उम्मीद नहीं है.
FY26 के मिड से डिमांड में सुधार की संभावना
इसने कई लॉन्ग-टर्म थीम को भी उजागर किया जो आने वाले सालों में इस सेक्टर को शेप दे सकते हैं. रिपोर्टे के मुताबिक, वित्त वर्ष 25-26 के मिड से डिमांड में सुधार की संभावना है, जो बढ़ते इंफ्रास्ट्रक्चर प्रोजेक्ट्स, रूरल और अर्बन हाउसिंग की डिमांड में रिवाइवल और रियल एस्टेट गतिविधियों में बढ़ोतरी से प्रेरित होगी. इन चीजों से डिमांड-सप्लाई के बैलेंस में धीरे-धीरे सुधार होने की उम्मीद है.
FY25 में डिमांड धीमी रहने की उम्मीद
रिपोर्ट के मुताबिक, वित्त वर्ष 2024-25 में डिमांड धीमी रहने की उम्मीद है. हालांकि, कैपेसिटी यूटिलाइजेशन में धीरे-धीरे सुधार की संभावना है, जिससे डिमांड और सप्लाई के बीच का अंतर कम होगा. इंडस्ट्री के वित्त वर्ष 2024-25 से वित्त वर्ष 2029-30 के बीच ऑर्गेनिक ग्रोथ के जरिए लगभग 90 मिलियन टन सीमेंट कैपेसिटी जोड़ने का अनुमान है. वित्त वर्ष 2026-27 और वित्त वर्ष 2027-28 तक, कैपेसिटी क्रमशः 703 मिलियन टन और 723 मिलियन टन तक पहुंचने की उम्मीद है. रिपोर्ट के अनुसार, हम वित्त वर्ष 2025-26 के मिड से डिमांड में रिवाइवल की उम्मीद कर सकते हैं.