नई दिल्ली :- प्रदेश में स्मार्ट मीटर लगाने की प्रक्रिया जोरों पर है, जिसमें हर सरकारी और निजी संपत्ति पर ये उपकरण स्थापित किए जा रहे हैं. इसका मुख्य उद्देश्य बिजली की खपत को अधिक कुशलता से मापना और उपभोक्ताओं को अधिक नियंत्रण मिलता है.
हनुमंतपुरम कॉलोनी से एक हैरान करने वाला मामला सामने आया है, जहां एक परिवार को स्मार्ट मीटर लगने के बाद अपने बिजली के बिल को देखकर गहरा झटका लगा (shocking electricity bill). पुष्पा देवी के घर में लगे स्मार्ट मीटर से पहला बिल 32 लाख 84 हजार रुपये का आया, जो किसी भी सामान्य परिवार के लिए चिंता का विषय है.
यह बिल न केवल एक बार बल्कि दो बार आया, दूसरे महीने में भी इसी तरह का उच्च बिल आने से परिवार और भी अधिक परेशान हो गया. ऐसे बिल से न केवल आर्थिक दबाव पड़ता है बल्कि मानसिक रूप से भी उपभोक्ता पर बुरा असर पड़ता है .
उद्योग व्यापार प्रतिनिधिमंडल ने इस समस्या पर ध्यान दिलाते हुए सरकार से उपभोक्ताओं के हित में त्वरित कदम उठाने की मांग की है. उनका कहना है कि स्मार्ट मीटर भले ही अत्याधुनिक और सुविधाजनक बताए जा रहे हों, पर अगर इस तरह की गलतियां हो रही हैं तो उपभोक्ताओं को राहत (consumer relief) कहां मिली है.
क्षेत्रीय एसडीओ के अनुसार, यह उच्च बिल एक तकनीकी गलती के कारण आया था. उन्होंने बताया कि रीडिंग फीड करते समय हुई इस गलती को सुधारा जा रहा है और पुष्पा देवी के बिल को सही रीडिंग के अनुसार रिवाइज (bill revision) किया जा रहा है, जिससे कि उनकी और अन्य उपभोक्ताओं की समस्याओं का समाधान हो सके.