नई दिल्ली :- वसंत कालीन गन्ने की बुवाई के लिए फरवरी का महीना बेहद उपयुक्त माना जाता है. गन्ने की बुवाई आधुनिक तकनीक से करनी चाहिए क्योंकि गन्ने में लाल सड़न रोग भी आता है. जिसकी वजह से फसल को भारी नुकसान हो जाता है. इसमें जरूरी है कि लाल सड़न रोग प्रतिरोधी किस्म का चयन करें. इसके अलावा सॉयल ट्रीटमेंट और सीड ट्रीटमेंट जरूर कर लें.
बुवाई करते समय किस्म देख लें
उत्तर प्रदेश गन्ना शोध संस्थान के प्रसार अधिकारी डॉ. संजीव कुमार पाठक ने बताया कि बसंत कालीन गन्ने की बुवाई बेहद ही अच्छी मानी जाती है लेकिन किसान गन्ने की बुवाई करते समय किस्म का ध्यान जरूर रखें. किस्म का सही चुनाव करने से किसानों को कम लागत में अच्छा उत्पादन मिलेगा. इसके अलावा गन्ने की विधि और खेत की जुताई करते समय भी जरूरी बातों का ध्यान रखना चाहिए. गन्ने की बुवाई से पहले मृदा उपचार जरूर कर लें ताकि लाल सड़न रोग के खतरे को कम किया जा सके.
ऐसे करें सॉयल ट्रीटमेंट
खेत की गहरी जुताई करने के बाद मिट्टी को भुरभुरा बना लें. गन्ने की बुवाई से पहले मृदा उपचार जरूर करें. अंतिम जुताई के समय 4 किलोग्राम ट्राइकोडर्मा को प्रति एकड़ के हिसाब से इस्तेमाल करें. ट्राइकोडर्मा को गोबर की सड़ी हुई खाद में मिलाकर खेत की आखिरी जुताई के समय मिट्टी में बिखेर कर खेत को समतल कर लें और उसके बाद ट्रेंच डिगर से नाली बना लें. मृदा उपचार करने से लाल सड़न रोग का खतरा कम हो जाएगा.
ट्रेंच विधि से करें गन्ने की बुवाई
किसान गन्ने की बुवाई करते समय ट्रेंच विधि का इस्तेमाल करें. ट्रेंच विधि से गन्ने की बुवाई करने से किसानों को अच्छा उत्पादन मिलेगा. लेकिन गन्ने की बुवाई से पहले खेत की जुताई करना जरूरी है. किसान गहरी जुताई कर मिट्टी को अच्छे से भुरभुरी बना लें. उसके बाद ट्रेंच डिगर से 1 फीट चौड़ी और 20 से 25 सेंटीमीटर गहरी नाली बनाकर एक से दो आंख वाले टुकड़ों की बुवाई कर सकते हैं.
इन किस्मों का करें चुनाव
गन्ने की बुवाई करते समय लाल सड़न रोधी किस्म की बुवाई करनी चाहिए. हाल ही में प्रतिबंधित की गई को 0238 किस्म की बुवाई बिल्कुल भी ना करें. इसके अलावा किसान को.शा. 13235, को.शा. 17231, को.शा. 18231, को.लख. 16202 और को.लख. 14201 की बुवाई कर सकते हैं. ये सभी नई और अगेती किस्में हैं, जिनसे किसानों को अच्छी पैदावार मिल मिलेगी.
सामान्य किस्मों की कर सकते हैं बुवाई
किसान अगर सामान्य किस्मों की बात करें तो उनकी बुवाई भी कर सकते हैं. जिसमें किसान को.शा. 16233, को.शा. 13452 की बुवाई भी कर सकते हैं. यह किस्म भी किसानों को कम लागत में अच्छा उत्पादन देती है.
ऊसर जमीन में उगाएं ये किस्म
अगर आप ऊसर जमीन में गन्ने की फसल उगाना चाहते हैं तो किस्म का चुनाव एक अहम हिस्सा माना जाता है. ऊसर जमीन में हर किस्म को नहीं उगाया जा सकता. इसके लिए यूपी 14234 और को.शा. 14233 अच्छी मानी जाती है. यह ऊसर जमीन में भी किसानों को पूरा उत्पादन देने की क्षमता रखती है.