UPI पेमेंट को लेकर सरकार बढ़ाने वाली है सबकी टेंशन, ये नियम लागू होते ही मच सकता है हाहाकार
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UPI पेमेंट को लेकर सरकार बढ़ाने वाली है सबकी टेंशन, ये नियम लागू होते ही मच सकता है हाहाकार

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नई दिल्ली :-  कारोबार साल 2024 में UPI धोखाधड़ी के मामलों में 85% का इजाफा हुआ है. कारोबारी साल 2023 में फ्रॉड केसों की संख्या 7.25 लाख थी, जो कारोबारी साल 2024 में 13.42 लाख हो गई. 2023 में जहां आम लोगों को 573 करोड़ रुपये की चपत लगी, वहीं 2024 में कुल आंकड़ा बढ़कर 1,087 करोड़ रुपये का हो गया. वित्त मंत्रालय ने संसद को दिए जवाब में इन चौंकाने वाले आंकड़ों का खुलासा किया है. इस खुलासे से साफ हुआ कि देश के तेजी से बढ़ते डिजिटल पेमेंट इकोसिस्टम को सुरक्षित करने में बढ़ती चुनौतियों पर प्रकाश डाला गया.

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8,566 करोड़ ट्रांजेक्शन

ये डेटा फ्रॉड की समस्या के पैमाने को अलाइन करता है, कारोबारी साल 24-25 में पहले ही 6.32 लाख UPI धोखाधड़ी की घटनाएं दर्ज की जा चुकी हैं. इसमें 485 करोड़ रुपये की राशि शामिल है. कुछ ही महीनों के भीतर ये आंकड़ा पिछले साल की संख्या का लगभग आधा है. देश में UPI का प्रभावशाली रूप से इस्तेमाल हुआ है. देश में कुल UPI लेनदेन में साल-दर-साल 57% का इजाफा हुआ है. कारोबारी साल 2023 में यूपीआई से होने वाले ट्रांजेक्शन 8,371 करोड़ से बढ़कर 2024 में 13,113 करोड़ हो गए हैं. मौजूदा कारोबारी साल 24-25 के लिए, 8,566 करोड़ ट्रांजेक्शन पहले ही दर्ज किए जा चुके हैं, जो धोखाधड़ी के मामलों में इजाफा जारी रहने के बावजूद प्लेटफॉर्म के बढ़ते इस्तेमाल को दर्शाता है.

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क्या बोला वित्त मंत्रालय

फ्रॉड में हो रहे इजाफे के जवाब में, मंत्रालय ने डिजिटल पेमेंट इकोसिस्टम में सुरक्षा में सुधार और कमजोरियों को कम करने के मकसद से कई उपायों की जानकारी दी गई है. भारतीय रिजर्व बैंक (RBI) ने एक सेंट्रल पेमेंट फ्रॉड सूचना रजिस्ट्री (CPFIR) लागू की है, जो एडवांस AI और मशीन लर्निंग मॉडल का इस्तेमाल करके भुगतान धोखाधड़ी को ट्रैक करने और रिपोर्ट करने के लिए डिजाइन किया गया सिस्टम है. अन-ऑथराइज्ड गतिविधि को रोकने के लिए डिवाइस बाइंडिंग, पिन-आधारित 2 फैक्टर ऑथेंटिकेशन और रोजाना ट्रांजेक्शन लिमिट के साथ सुरक्षा को भी मजबूत किया गया है.

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फ्रॉड से बचने के लिए जागरुक

सरकार आम जनता को साइबर धोखाधड़ी की रिपोर्ट करने के लिए प्रोत्साहित करने पर ध्यान केंद्रित कर रही है. इसने संदिग्ध एक्टिविटी को चिह्नित करने के लिए यूजर्स के लिए राष्ट्रीय साइबर अपराध रिपोर्टिंग पोर्टल (cybercrime.gov.in) और हेल्पलाइन नंबर 1930 लॉन्च किया है. आम लोगों में जागरूकता बढ़ाने के लिए, लोगों को साइबर अपराध को रोकने के बारे में शिक्षित किए जाने की पहल की जा रही है. इसमें एसएमएस, रेडियो और सार्वजनिक सलाह के माध्यम से अभियान चलाए जा रहे हैं, जिनमें लोगों को फ्रॉड से बचने के लिए जागरुक किया जा रहा है.

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धोखाधड़ी के मामलों में इजाफा

इसके अतिरिक्त, दूरसंचार विभाग ने संचार साथी पोर्टल पर ‘चक्षु’ सुविधा शुरू की है, जिससे यूजर्स धोखाधड़ी वाले कम्युनिकेशन की खुद-ब-खुद रिपोर्ट कर सकते हैं. इस पहल में यूजर्स को धोखा देने के लिए डिजाइन किए गए कॉल, एसएमएस और वॉट्सऐप संदेश शामिल हैं, जिन्हें आम जनता खुद रिपोर्ट कर सकती है. यूपीआई के भारत में विस्तार के साथ, मंत्रालय ने देश की संसद को आश्वस्त किया कि ये पहल डिजिटल भुगतान को सेफ करने और सिस्टम में जनता का विश्वास बनाने के बड़े प्रयास का हिस्सा है. यूपीआई धोखाधड़ी के मामलों में इजाफा चिंता का विषय है. मंत्रालय ने जोर देकर कहा कि तेजी से बढ़ते भुगतान प्लेटफॉर्म के सुरक्षित इस्तेमाल को सुनिश्चित करने के लिए सक्रिय उपाय और जन जागरूकता अभियान बेहद जरूरी हैं.

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