दिल्ली मेट्रो की इस लाइन पर बन कर तैयार हुई सबसे लंबी सुरंग, इस दिन से ले सकेंगे सफर का आनंद
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दिल्ली मेट्रो की इस लाइन पर बन कर तैयार हुई सबसे लंबी सुरंग, इस दिन से ले सकेंगे सफर का आनंद

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दिल्ली मेट्रो ने दक्षिण दिल्ली में 2.65 किलोमीटर लंबी सुरंग पूरी की, जो चौथे चरण की सबसे लंबी सुरंग है. दरअसल, दिल्ली मेट्रो रेल कॉर्पोरेशन (डीएमआरसी) ने आज फेज 4 के तहत सबसे लंबी भूमिगत सुरंग के निर्माण को पूरा कर एक महत्वपूर्ण मील का पत्थर हासिल किया. यह सुरंग तुगलकाबाद-वायु सेना लॉन्चिंग शाफ्ट और मां आनंदमयी मार्ग के बीच बनाई गई है, जो फेज-IV के तुगलकाबाद-एयरसिटी कॉरिडोर का हिस्सा है.

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मां आनंदमयी मार्ग स्थल पर टनल बोरिंग मशीन (टीबीएम) ‘अमृत’ की सफलता को डीएमआरसी के निदेशक परियोजनाएं और योजना, राजीव ढांकेर, और अन्य वरिष्ठ अधिकारियों की उपस्थिति में मनाया गया. यह टनल बोरिंग मशीन आज सुबह मां आनंदमयी मार्ग स्टेशन पर 2.65 किलोमीटर लंबी सुरंग बोर करके पहुंची.

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105 मीटर लंबी बोरिंग मशीन से बनी है ये टनल

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इस सुरंग को 105 मीटर लंबी विशालकाय टीबीएम की मदद से बनाया गया है. इस खंड पर दो समानांतर वृत्ताकार सुरंगों का निर्माण किया जा रहा है, जिसमें ऊपर और नीचे की आवाजाही शामिल है. दूसरी समानांतर सुरंग का सफलता जनवरी 2025 में तैयार होनी है. इस परियोजना को अफकन्स नाम की प्राइवेट कंपनी की मदद से बनाया गया है. इस नई सुरंग का निर्माण लगभग 16 मीटर की औसत गहराई पर किया गया है. सुरंग में लगभग 1894 रिंगें लगाई गई हैं, जिनका आंतरिक व्यास 5.8 मीटर है.

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सुरंग बनाने का कार्य तकनीकी रूप से चुनौतीपूर्ण था, जिसमें एक सीवर लाइन के स्थानांतरण, कठोर चट्टान पर से गुजरने जैसी कठिनाइयां शामिल थीं. सुरंग को ईपीबीएम (अर्थ प्रेशर बैलेंसिंग मेथड) तकनीक का उपयोग कर बनाया गया है, जिसमें प्रीकास्ट सुरंग रिंग्स की कंक्रीट लाइनिंग की गई है. ये सुरंग रिंग्स एक पूरी तरह से मशीनीकृत कास्टिंग यार्ड में मुण्डका में तैयार की गईं.

निर्माण के दौरान सभी आवश्यक सुरक्षा उपाय अपनाए गए. जमीन की गतिविधियों की निगरानी अत्यधिक संवेदनशील उपकरणों के माध्यम से की गई, ताकि कहीं भी कोई अवसादन न हो. अब तक स्वीकृत फेज 4 के कार्य के हिस्से के रूप में 40.109 किलोमीटर भूमिगत लाइनों का निर्माण किया जा रहा है. एयरसिटी-तुगलकाबाद कॉरिडोर में कुल 19.343 किलोमीटर भूमिगत अनुभाग शामिल हैं.

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टीबीएम का उपयोग विभिन्न मृदा और चट्टान परतों के माध्यम से गोलाकार खंडों वाली सुरंगों के उत्खनन के लिए किया जाता है. ये मशीनें वर्तमान में सुरंग निर्माण में क्रांति ला चुकी हैं, जिससे सतही संरचनाओं और इमारतों को बिना प्रभावित किए सुरंगें बनाई जा सकती हैं. विशेष रूप से भीड़-भाड़ वाले शहरी क्षेत्रों में, डीएमआरसी ने अपने सुरंग निर्माण कार्य के लिए फेज 1 से टीबीएम का उपयोग किया है. फेज 3 में, जब लगभग 50 किलोमीटर भूमिगत अनुभाग बनाए गए, राष्ट्र की राजधानी में लगभग 30 टीबीएम लगाए गए थे.

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