चंडीगढ़ :- बुजुर्ग पेंशनधारकों को जीवित प्रमाणपत्र के लिए अब इधर-उधर नहीं भटकना पड़ेगा। दरअसल, डाक विभाग ने घर-घर जाकर प्रमाणपत्र देने की व्यवस्था शुरू कर दी है। प्रमाणपत्र के लिए ऑनलाइन आवेदन करते ही डाक सेवक व डाकिया पेंशनधारकों के घर पहुंचकर उन्हें इसकी सुविधा देने पहुंच रहे हैं। हालांकि, इसके लिए 70 रुपये का शुल्क लिया जा रहा है। इस सुविधा के तहत जिले भर में अब तक 200 के करीब जीवन प्रमाण पत्र बन चुके हैं।
पेंशनर्स को देनी होगी सिर्फ ये जानकारी
भारतीय डाक विभाग की ओर से पेंशन भोगियों की सुविधा के लिए एक नई डिजिटल जीवन प्रमाण पत्र सेवा शुरू की है। यह सेवा इंडिया पोस्ट पेमेंट्स बैंक पेंशन और पेंशनभोगी कल्याण विभाग और राष्ट्रीय सूचना विज्ञान केंद्र के सहयोग से संचालित की जा रही है। डाकिया पेंशनभोगी के दिए गए पते पर जाकर आधार आधारित बायोमेट्रिक प्रणाली के माध्यम से डिजिटल जीवन प्रमाण पत्र जारी करेंगे। यह सेवा पेंशनभोगियों के लिए सरल और सुविधाजनक है और उनके लिए विशेष रूप से लाभकारी है जो वृद्ध हैं या जिन्हें कार्यालय तक जाना मुश्किल होता है। इस सेवा का लाभ लेने के लिए पेंशनभोगियों को केवल आधार संख्या और पेंशन का विवरण देना होगा। प्रमाण पत्र बनने के बाद पेंशनभोगी को उनके पंजीकृत मोबाइल नंबर पर एक पुष्टिकरण संदेश प्राप्त होगा।इसके माध्यम से केंद्रीय, राज्य और कर्मचारी भविष्य निधि संगठन के सभी पेंशन भोगियों को अब जीवन प्रमाण पत्र प्राप्त करने के बाद कार्यालयों में जाने की आवश्यकता नहीं होगी। इस सेवा लाभ लेने वाले पेंशनभोगी नजदीकी डाकघर से संपर्क कर सकते हैं या अपने क्षेत्र के डाकिया या ग्रामीण डाक सेवक से जानकारी कर सकते हैं।
चेहरे के आधार पर हो रहा सत्यापन
आवेदन के समय कई बार बुजुर्ग होने चलते पेंशनधारकों का अंगूठा से सत्यापन नहीं हो पाता है। ऐसे में उनके चेहरे से सत्यापन किया जा रहा है। इससे सत्यापन प्रक्रिया अधिक बेहतर व आसान बन गई है। शाखा प्रबंधक ने बताया कि जिले भर के ग्रामीण शाखा डाकघर, तहसील व कस्बों में उप डाकघर व यमुनानगर में मुख्य डाकघर है। सभी जगह से पेंशनधारकों को सुविधा दी जा रही है। अब तक 200 से अधिक जीवन प्रमाण पत्र जारी कर दिए गए हैं। बताया कि सभी ग्रामीण डाक सेवक और डाकिये मोबाइल फोन से लैस हैं। इनका उपयोग फिंगर बायोमैट्रिक व चेहरा सत्यापन तकनीक का उपयोग कर प्रमाणपत्र जारी करने के लिए किया जा रहा है।