नई दिल्ली :- भारत में डिजिटल भुगतान का चेहरा बदलने वाला है। अगले 48 घंटों में, यानी 1 जनवरी 2025 से, यूनिफाइड पेमेंट्स इंटरफेस (UPI) से जुड़े कुछ महत्वपूर्ण नियमों में बदलाव होने जा रहा है। ये बदलाव न केवल आम उपभोक्ताओं को प्रभावित करेंगे, बल्कि व्यापारियों और फिनटेक कंपनियों के लिए भी नए अवसर खोलेंगे।
भारतीय रिज़र्व बैंक (RBI) और नेशनल पेमेंट्स कॉरपोरेशन ऑफ इंडिया (NPCI) ने मिलकर इन नए नियमों को तैयार किया है। इनका उद्देश्य UPI पेमेंट को और अधिक सुरक्षित, सुविधाजनक और व्यापक बनाना है। आइए जानते हैं कि ये नए नियम क्या हैं और आपके दैनिक लेनदेन पर इनका क्या प्रभाव पड़ेगा।
विवरण | नया नियम |
UPI 123Pay की लिमिट | ₹5,000 से बढ़कर ₹10,000 |
प्रीपेड पेमेंट इंस्ट्रूमेंट्स (PPI) | थर्ड-पार्टी UPI ऐप्स से जुड़ेंगे |
OTP आधारित सेवा | UPI पेमेंट के लिए अनिवार्य |
फीचर फोन पर UPI | बिना इंटरनेट के भी संभव |
वॉलेट से UPI पेमेंट | KYC पूरा होने पर उपलब्ध |
ट्रांजैक्शन लिमिट | प्रति दिन ₹1 लाख तक |
UPI 123Pay एक ऐसी सुविधा है जो फीचर फोन उपयोगकर्ताओं को बिना इंटरनेट कनेक्शन के भी UPI पेमेंट करने की अनुमति देती है। 1 जनवरी 2025 से, इस सेवा की ट्रांजैक्शन लिमिट ₹5,000 से बढ़कर ₹10,000 हो जाएगी। यह बदलाव ग्रामीण और अर्ध-शहरी क्षेत्रों में डिजिटल भुगतान को बढ़ावा देने में मददगार साबित होगा।
- IVR (इंटरैक्टिव वॉइस रिस्पांस) नंबर
- मिस्ड कॉल
- OEM-एम्बेडेड ऐप्स
- साउंड-बेस्ड टेक्नोलॉजी
नए नियमों के तहत, पूरी तरह से KYC वाले प्रीपेड पेमेंट इंस्ट्रूमेंट्स (PPI) जैसे वॉलेट और प्रीपेड कार्ड अब थर्ड-पार्टी UPI ऐप्स से जुड़ सकेंगे। इसका मतलब है कि अब आप अपने डिजिटल वॉलेट से सीधे UPI पेमेंट कर सकेंगे। यह सुविधा उपभोक्ताओं को अधिक लचीलापन प्रदान करेगी और डिजिटल भुगतान को और अधिक सुविधाजनक बनाएगी।
- वॉलेट की पूरी KYC होनी चाहिए
- वॉलेट को UPI ऐप से लिंक करना होगा
- पहले पेमेंट अप्रूव होगी, फिर UPI ऐप का एक्सेस मिलेगा
सुरक्षा को और मजबूत बनाने के लिए, NPCI ने UPI पेमेंट के लिए OTP (वन-टाइम पासवर्ड) आधारित सेवा को अनिवार्य कर दिया है। यह नया नियम 1 जनवरी 2025 से लागू होगा। OTP की आवश्यकता से धोखाधड़ी के मामलों में कमी आने की उम्मीद है और उपयोगकर्ताओं को अपने पैसों की सुरक्षा का अतिरिक्त आश्वासन मिलेगा।
- अनधिकृत लेनदेन से बचाव
- उपयोगकर्ता की पहचान की पुष्टि
- त्रुटियों में कमी
नए नियमों के तहत, फीचर फोन उपयोगकर्ता भी अब आसानी से UPI पेमेंट कर सकेंगे। यह सुविधा उन लोगों के लिए विशेष रूप से उपयोगी होगी जिनके पास स्मार्टफोन नहीं है या जो इंटरनेट कनेक्शन की कमी वाले क्षेत्रों में रहते हैं। इस कदम से भारत के डिजिटल समावेशन में एक बड़ा बदलाव आने की उम्मीद है।
- मिस्ड कॉल
- IVR नंबर
- साउंड-बेस्ड पेमेंट
- USSD कोड
1 जनवरी 2025 से, पूरी तरह से KYC वाले डिजिटल वॉलेट से भी UPI पेमेंट किया जा सकेगा। यह सुविधा उपयोगकर्ताओं को अपने वॉलेट बैलेंस का उपयोग करके सीधे UPI पेमेंट करने की अनुमति देगी। इससे डिजिटल वॉलेट कंपनियों को नए अवसर मिलेंगे और उपभोक्ताओं को अधिक विकल्प मिलेंगे।
- तेज़ और सुविधाजनक लेनदेन
- वॉलेट बैलेंस का बेहतर उपयोग
- बैंक खाते की आवश्यकता नहीं
नए नियमों के तहत, UPI ट्रांजैक्शन की दैनिक लिमिट ₹1 लाख तक रहेगी। यह लिमिट व्यक्तिगत उपयोगकर्ताओं के लिए है। व्यापारियों और व्यवसायों के लिए अलग लिमिट निर्धारित की गई है। यह सीमा धोखाधड़ी के जोखिम को कम करने और बड़े लेनदेन की सुरक्षा सुनिश्चित करने के लिए रखी गई है।
- दैनिक लिमिट: ₹1 लाख
- प्रति लेनदेन लिमिट: ₹20,000
- मर्चेंट पेमेंट लिमिट: ₹2 लाख प्रति दिन
नए नियमों के तहत, प्रीपेड कार्ड और UPI के बीच इंटरऑपरेबिलिटी बढ़ेगी। इसका मतलब है कि अब आप अपने प्रीपेड कार्ड को UPI से लिंक करके उसका उपयोग UPI पेमेंट के लिए कर सकेंगे। यह सुविधा विशेष रूप से छात्रों और कम आय वाले वर्ग के लिए उपयोगी होगी।
- अधिक लचीलापन
- कम लागत वाले डिजिटल भुगतान
- बैंक खाते की आवश्यकता नहीं
UPI ऑटो पे सुविधा में भी कुछ बदलाव किए गए हैं। अब आप ₹15,000 तक के रिकरिंग पेमेंट बिना किसी अतिरिक्त प्रमाणीकरण के सेट कर सकते हैं। इससे बिल भुगतान, सब्सक्रिप्शन और EMI जैसे नियमित भुगतान और अधिक सुविधाजनक हो जाएंगे।
- उच्च लिमिट: ₹15,000 तक
- बिना अतिरिक्त प्रमाणीकरण
- लचीली भुगतान अवधि
UPI लाइट एक नई सुविधा है जो छोटे मूल्य के लेनदेन को और अधिक सरल बनाती है। इसके तहत, आप ₹500 तक के लेनदेन बिना पिन या इंटरनेट कनेक्शन के कर सकते हैं। यह सुविधा विशेष रूप से दैनिक छोटे खर्चों के लिए उपयोगी होगी।
- ₹500 तक के लेनदेन
- बिना पिन या इंटरनेट
- तेज़ और सुरक्षित
आने वाले समय में UPI में और भी कई नए फीचर्स जोड़े जाने की संभावना है। इनमें क्रेडिट कार्ड से UPI पेमेंट, अंतरराष्ट्रीय UPI लेनदेन, और AI-आधारित सुरक्षा उपाय शामिल हो सकते हैं। ये नवाचार भारत के डिजिटल भुगतान परिदृश्य को और अधिक विकसित करेंगे।
- बायोमेट्रिक प्रमाणीकरण
- ब्लॉकचेन-आधारित UPI
- वर्चुअल करेंसी इंटीग्रेशन
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