नई दिल्ली :- गेहूं की खेती करने वाले किसानों के लिए एक अच्छी खबर सामने आई है। किसानों के फायदे के लिए समय-समय पर नई किस्म को तैयार किया जाता है ,जिसकी सहायता से किसान कम समय में ज्यादा फसल का उत्पादन कर सकते हैं। भारत में कुछ राज्यों में गेहूं की बुवाई की तैयारी शुरू हो गई है। बाजार में अलग-अलग प्रकार के बीज उपलब्ध हैं। उत्तर प्रदेश के कृषि विभाग ने एडवाइजरी जारी करके गेहूं की डीबी 332 किस्म के बारे में किसानों को जानकारी दी है। इस किस्म का विकास आईसीएआर आईआईडब्ल्यूबीआर हरियाणा में किया गया था।
कब करें डीबी 332 किस्म के गेहूं की बुवाई
डीबी 332 गेहूं किस्म की बुवाई अगेती के लिए काफी अच्छी होती है। इसकी बुवाई 25 अक्टूबर से लेकर 10 नवंबर तक कर सकते हैं। इस अवधि के बीच की जाने वाली बुवाई से किसानों को आगे चलकर काफी लाभ होता है ।इस किस्म से गेहूं की गुणवत्ता और उत्पादन में भी वृद्धि होती है। गेहूं की यह किस्म 156 दिन में तैयार हो जाती है। इस गेहूं की खेती को हम जल्दी काट सकते हैं ।इसके बाद खेत में हम दूसरी फसल को उगा सकते हैं।
कितने बीजों का करें उपयोग
कृषि विभाग ने डीबी 332 किस्म के बारे में जानकारी देते हुए बताया है कि किसानों को इस किस्म की खेती के लिए प्रति एकड़ खेत में 40 किलो बीच की बुवाई करनी चाहिए। इस बीच का उपयोग किसी भी मिट्टी में कर सकते हैं। अच्छी पैदावार के लिए आप इस किस्म को दोमट से लेकर भारी दोमट मिट्टी में उपयोग कर सकते हैं ।अगर आपके खेत में जल निकासी की सुविधा है तो आप इस का इस्तेमाल मटियार दोमट और काली मिट्टी में भी कर सकते हैं ।किसानों से अनुरोध है कि गेहूं की बुवाई से पहले खेत की मिट्टी की जांच जरुर करें ।अगर आपके खेत की मिट्टी का पीएच मान 5 से लेकर 7.5 है तो आप इस गेहूं के बीज की बुवाई कर सकते हैं। इससे आपको प्रति एकड़ खेत में 28 क्विंटल तक की पैदावार होगी।