Traffic Rule :- दिल्ली में सरकार बदलते ही अधिकारियों ने भी कामकाज को लेकर सक्रियता दिखानी शुरू कर दी है। नई सरकार अभी शपथ भी नहीं ले पाई है कि सरकार के परिवहन विभाग ने वाहनों को जब्त करने के मामले में नई अधिसूचना जारी कर दी है।
इस मामले में जनता से एक माह तक सुझाव और आपत्तियां ली जाएंगी। विभाग ने पुरानी नीति में बदलाव यह किया है कि पुराने नियम में जब्त किए गए वाहन को छुड़ाने के लिए 90 दिन का समय निर्धारित था, जिसे अब 30 दिन किया गया है।

वाहन को छुड़ाने के लिए कितना मिलेगा समय?

यानी कि नीति लागू हो जाने पर 30 दिन तक वाहन को छुड़ाने के लिए आवेदन नहीं किया जाता है तो उसकी नीलामी की प्रक्रिया शुरू कर दी जाएगी। पहले इस नीति को 2019 में लागू किया गया था। इसे दिल्ली पार्किंग रखरखाव और प्रबंधन नियमावली, 2019 नाम दिया गया था। मगर संशोधन के बाद इसे दिल्ली पार्किंग रखरखाव और प्रबंधन (संशोधन) नियमावली, 2024 कहा जाएगा। इस संबंध में आपत्तियां या सुझाव परिवहन आयुक्त के कार्यालय 5/9 अंडर हिल रोड सिविल लाइन या ईमेल commtpt@nic-in पर भेजे जा सकते हैं।

पहले क्या था नियम?

पहले नियम था कि वाहन को जब्त किए जाने के सात दिनों से अधिक समय होने पर जुर्माना निर्धारित राशि से दोगुना होगा। यदि जब्त किए गए वाहन को नब्बे दिनों की अवधि के भीतर छुड़ाया नहीं जाता है तो पंजीकरण प्रमाण-पत्र में दर्ज पते के अनुसार पंजीकृत मालिक को पंद्रह दिनों के भीतर वाहन को मुक्त कराने के लिए पंद्रह दिनों का नोटिस दिया जाता था।

तय समय में वाहन नहीं छुड़ा पाए तो क्या होगा?

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यदि मालिक नोटिस की अवधि के भीतर वाहन को छुड़ाने में विफल रहता तो ऐसे वाहन को जब्त करने वाली एजेंसी इसे सार्वजनिक नीलामी में रखती है। अब बदलाव के बाद नई नीति में सात दिनों से अधिक समय तक वाहन को नहीं छुड़ाया जाता है तो जुर्माना निर्धारित राशि से दोगुना तो होगा। मगर यदि जब्त किया गया पंजीकृत वाहन 30 दिनों की अवधि के भीतर छुड़ाया नहीं जाता है, तो पंजीकृत मालिक को सात दिनों के भीतर वाहन को छुड़ाने के लिए सात दिनों का नोटिस दिया जाएगा। यदि पंजीकृत मालिक सात दिनों के भीतर वाहन को छुड़ाने में विफल रहता है, तो ऐसे वाहन को जब्त करने वाली एजेंसी द्वारा सार्वजनिक नीलामी में रखा जाएगा।

   
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