नई दिल्ली :- पेट्रोल की बढ़ती कीमतों से परेशान लोगों के लिए एक बड़ी खुशखबरी है। केंद्र सरकार ने घोषणा की है कि जल्द ही देश में इथेनॉल मिश्रित पेट्रोल उपलब्ध कराया जाएगा, जो मौजूदा पेट्रोल की तुलना में 20 रुपये तक सस्ता होगा। केंद्रीय परिवहन मंत्री नितिन गडकरी ने बताया कि इथेनॉल का उपयोग वाहनों की ईंधन लागत को कम करेगा और पेट्रोल-डीजल की ऊंची कीमतों से राहत दिलाएगा।
कैसे कम होंगी पेट्रोल की कीमतें?
इथेनॉल एक जैविक ईंधन है जिसे गन्ने और शर्करा वाली फसलों से तैयार किया जाता है। इथेनॉल की कीमत पेट्रोल के मुकाबले काफी कम है, जिससे इसे मिश्रित करने पर पेट्रोल की कीमत घटाई जा सकती है। गडकरी के अनुसार, इथेनॉल मिश्रित पेट्रोल के उपयोग से वाहन चलाने की लागत घटकर 65 रुपये प्रति लीटर तक आ सकती है। इसके अलावा, गडकरी ने बताया कि 60% इथेनॉल और 40% बिजली का संयोजन करने से यह कीमत 20 रुपये प्रति लीटर तक घटाई जा सकती है।
पर्यावरण और जेब दोनों के लिए फायदेमंद
गडकरी ने बताया कि सरकार फ्लेक्स-फ्यूल वाहनों को बढ़ावा दे रही है। फ्लेक्स-फ्यूल एक प्रकार का वैकल्पिक ईंधन है जिसमें पेट्रोल के साथ इथेनॉल या मेथनॉल मिलाया जाता है। फ्लेक्स इंजन कम लागत में तैयार हो सकते हैं, जिससे गाड़ियों की कीमत भी कम हो सकती है और फ्यूल की लागत भी सिर्फ 25 रुपये प्रति लीटर तक आ सकती है। फ्लेक्स-फ्यूल न केवल पर्यावरण के लिए फायदेमंद है, बल्कि यह पारंपरिक ईंधन की कीमतों में भी कटौती लाएगा।
टोयोटा की इथेनॉल से चलने वाली कार का लॉन्च
टोयोटा ने हाल ही में एक इथेनॉल से चलने वाली कार लॉन्च की है, जो पूरी तरह गन्ने के रस से चलती है। इस कार की ईंधन लागत मात्र 25 रुपये प्रति लीटर है, जो इसे अन्य ईंधन विकल्पों की तुलना में अधिक सस्ता बनाती है। गडकरी ने बताया कि निकट भविष्य में और भी वाहन निर्माता कंपनियां इसी प्रकार के वाहनों का निर्माण करेंगी।
इथेनॉल मिश्रण से जुड़े सरकारी प्रयास
सरकार का लक्ष्य है कि 2030 तक पेट्रोल में 20% इथेनॉल मिलाया जाए। इसके लिए सरकार ने इथेनॉल को स्टैंडर्ड फ्यूल का दर्जा दे दिया है, जिससे तेल कंपनियां सीधे इथेनॉल बेच सकेंगी और इसे पेट्रोल की तरह इस्तेमाल किया जा सकेगा। इस कदम से न केवल पेट्रोल-डीजल की मांग कम होगी, बल्कि यह देश में वैकल्पिक ऊर्जा स्रोतों को भी बढ़ावा देगा।
इथेनॉल से चलने वाले वाहनों के फायदे
इथेनॉल का उपयोग पर्यावरण और आम जनता दोनों के लिए फायदेमंद साबित हो सकता है। इथेनॉल मिश्रित पेट्रोल का उपयोग प्रदूषण को कम करने में मदद करता है, क्योंकि यह स्वच्छ और जलवायु के अनुकूल है। इसके साथ ही, इथेनॉल का उत्पादन देश में ही होता है, जिससे विदेशी मुद्रा की बचत होती है और कृषि क्षेत्र को भी मजबूती मिलती है।
सरकार का बड़ा लक्ष्य
केंद्र सरकार का यह कदम न केवल पेट्रोल की कीमतों में कमी लाने के उद्देश्य से किया गया है, बल्कि यह पर्यावरण के अनुकूल भी है। भारत में बड़ी संख्या में पेट्रोल-डीजल से चलने वाले वाहन हैं, जो प्रतिदिन लाखों लीटर ईंधन की खपत करते हैं। इथेनॉल मिश्रित पेट्रोल का उपयोग करके इस खपत में कमी लाई जा सकती है, जिससे प्रदूषण का स्तर भी घटेगा।
इथेनॉल के आर्थिक और पर्यावरणीय लाभ
इथेनॉल से चलने वाले वाहनों का उपयोग कई आर्थिक और पर्यावरणीय लाभ भी प्रदान करता है। यह जैविक ईंधन है जो नवीकरणीय स्रोतों से प्राप्त होता है, जिससे प्रदूषण को कम करने में मदद मिलती है। इसके अलावा, इथेनॉल का उत्पादन भारत में ही किया जा सकता है, जिससे कृषि क्षेत्र को नई आर्थिक संभावनाएं मिल सकती हैं।